110 सामुदायिक शौचालयों के लिए मिले 2.31 करोड़ रुपये
विशाल गोयल हापुड़ पात्र होने के बावजूद शौचालय न बनवा पाने वाले जनपद के ग्रामीण परिवारों
विशाल गोयल, हापुड़ पात्र होने के बावजूद शौचालय न बनवा पाने वाले जनपद के ग्रामीण परिवारों के लिए प्रत्येक गांव में सामुदायिक शौचालय बनाए जा रहे हैं। शासन ने परफारमेंस इंटेनसिव ग्रांट फंड से 110 सामुदायिक शौचालयों के लिए 2.31 करोड़ रुपये जारी किए हैं। शासन के निर्देश पर पंचायती राज विभाग ने धनराशि मिलने के बाद काम शुरू कर दिया है। जनपद के समस्त ग्राम पंचायतें खुले में शौच मुक्त घोषित हो चुकी हैं, लेकिन राज्य सरकार का मानना है कि कुछ परिवार अब भी ऐसे हैं जो स्थान के अभाव में शौचालय का निर्माण नहीं कर पाएं हैं। लिहाजा ग्राम पंचायतों में कई ग्रामीण परिवारों के योजना से लाभांवित न होने की संभावना बनी हुई है। ऐसे में उनको शौचालय की सुविधा मुहैया कराने के लिए शासन द्वारा प्रत्येक ग्राम पंचायतों में एक-एक सामुदायिक शौचालय बनाया जा रहा है। जिला पंचायत राज अधिकारी यावर अब्बास ने बताया कि यह शौचालय नगर के शुलभ कॉम्प्लेक्स की तर्ज पर बनाए जा रहे हैं। इसमें महिलाओं व पुरुषों के लिए दो-दो सीट के शौचालय बनाए जाएंगे। इस तरह शौचालयों में सीट की संख्या चार होगी। इसके अलावा शौचालय में महिलाओं और पुरुषों के स्नान के लिए भी अलग-अलग व्यवस्था होगी। शौचालय में भरपूर पानी का इंतजाम होगा। बिजली होने पर समर्सिबल पंप लगाया जाएगा। अन्यथा की स्थिति में सोलरपंप या फिर हैंडपंप लगाएंगे। उन्होंने बताया कि शासन ने 110 सामुदायिक शौचालयों का निर्माण कराने के लिए 2.31 करोड़ रुपये जारी किए हैं। जल्द ही इस धनराशि से शौचालयों के निर्माण का काम शुरू कराया जाएगा। ------- 2.10 लाख रुपये की लागत से होगा निर्माण इस शौचालयों के निर्माण पर दो लाख 10 हजार रुपये खर्च किए जाएंगे। शासन से जारी नक्शे को ध्यान में रखते हुए सामुदायिक शौचालय बनाने होंगे। एक सामुदायिक शौचालय का निर्माण सामुदायिक आयोग व 14वें वित्त आयोग की धनराशि से कराया जाएगा। जबकि एक शौचालय का निर्माण परफारमेंस इंसेंटिव ग्रांट फंड से होगा। इस फंड से शौचालय के निर्माण में एससी-एसटी आबादी के निकट बनाए जाएंगे। ------- ग्राम पंचायत करेगी शौचालयों का रखरखाव सामुदायिक शौचालयों के परिचालन, रखरखाव एवं साफ-सफाई की जिम्मेदारी ग्राम पंचायतों की होगी। लोगों की निगरानी समिति बनाई जाएगी, जो शौचालय के निर्माण, रखरखाव और साफ-सफाई की निगरानी करेगी। निगरानी समिति में 3 से 5 लोग रखे जाएंगे।