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प्राचार्या कक्ष में मारपीट पड़ी महंगी, दो प्रोफेसर निलंबित

एसएसवी पीजी कॉलेज में प्राचार्या कक्ष में चल रही बैठक के दौरान प्रोफेसरों में हुई जमकर मारपीट के मामले में मंगलवार को वाणिज्य संकाय के विभागाध्यक्ष और इसी विभाग के दूसरे प्रोफेसर को निलंबित कर दिया गया है। साथ ही दस दिन के भीतर दोनों को अपना स्पष्टीकरण भी देना होगा। हालांकि निलंबन अवधि के दौरान प्रत्येक कार्यदिवस में दोनों को तीन घंटे के लिए कॉलेज में उपस्थित रहना होगा। प्रबंध समिति के अनुमोदन के बाद बैठक कर कड़ी कार्रवाई प्राचार्या ने की है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 23 Apr 2019 07:37 PM (IST)Updated: Fri, 26 Apr 2019 06:19 AM (IST)
प्राचार्या कक्ष में मारपीट पड़ी महंगी, दो प्रोफेसर निलंबित
प्राचार्या कक्ष में मारपीट पड़ी महंगी, दो प्रोफेसर निलंबित

जागरण संवाददाता, हापुड़ :

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एसएसवी पीजी कॉलेज में प्राचार्या कक्ष में चल रही बैठक के दौरान प्रोफेसरों में हुई मारपीट के मामले में मंगलवार को वाणिज्य संकाय के विभागाध्यक्ष और इसी विभाग के दूसरे प्रोफेसर को निलंबित कर दिया गया है। साथ ही दस दिन के भीतर दोनों को अपना स्पष्टीकरण भी देना होगा। हालांकि, निलंबन अवधि के दौरान प्रत्येक कार्यदिवस में दोनों को तीन घंटे के लिए कॉलेज में उपस्थित रहना होगा। प्रबंध समिति के अनुमोदन के बाद बैठक कर कड़ी कार्रवाई प्राचार्या ने की है।

कॉलेज के बीकॉम के लगभग 64 छात्र प्रयोगात्मक परीक्षाएं देने से वंचित रह गए थे। इन छात्रों को राहत दिलाने के लिए प्राचार्या डा. शशी वशिष्ठ के कक्ष में प्रबंध समिति और विभागीय प्रवक्ताओं की बैठक 20 अप्रैल को बुलाई गई थी। इस दौरान वाणिज्य संकाय के विभागाध्यक्ष डॉ. मधुसूदन त्रिपाठी और इसी संकाय के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. अखिल कुमार मित्तल के बीच कहासुनी के बाद मारपीट हुई थी। मारपीट में प्रोफेसर डॉ. अखिल कुमार मित्तल के चेहरे और हाथ में गंभीर चोट भी लगी थी। यहां तक कि विभागाध्यक्ष पर उनके बाल तक नोंचने के आरोप लगे थे।

मामला उछलने के बाद कॉलेज में अनुशासन को लेकर कई सवाल उठ रहे थे। जिसके बाद प्राचार्या ने सोमवार को दोनों को निलंबित करते हुए प्रबंध समिति को मामला भेज दिया था। मामले में मंगलवार को प्रबंध समिति, प्राचार्या, शिक्षक प्रतिनिधि, तृतीय और चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के प्रतिनिधियों की बैठक हुई। जिसमें तीस में से 25 सदस्य मौजूद रहे। बैठक में घटना की कड़े शब्दों में निदा करते हुए सर्वसम्मति से दोनों को निलंबित करने का अनुमोदन हुआ।

प्रबंध समिति के मंत्री सुरेश चंद संपादक का कहना है कि कॉलेज में अनुशासनहीनता बर्दाश्त नहीं होगी। कड़ी कार्रवाई की गई है।

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- बैठक में यह रहे मौजूद -

प्रबंध समिति के प्रधान विजय कुमार गोयल, उप-प्रधान प्रभात अग्रवाल, मंत्री सुरेश चंद संपादक, उप-मंत्री अमित अग्रवाल छावनी वाले, ऑडिटर सुशांत बंसल, प्राचार्या डा. शशी वशिष्ठ, जगदीश प्रसाद, दिनेश कुमार शर्मा, शिक्षक प्रतिनिधि सुशील सिद्धू, मीनू अग्रवाल, संजय भारद्वाज, रेनू बाला और तृतीय श्रेणी कर्मचारियों की ओर से नरेंद्र कुमार मौजूद रहे।

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- परीक्षा की विवि से मांग -

जिन 64 छात्रों की प्रयोगात्मक परीक्षा कराने के लिए बीस अप्रैल को बैठक बुलाई गई थी। उनकी परीक्षा के लिए विश्व विद्यालय से मांग की गई है। मंत्री सुरेश चंद संपादक ने बताया कि कॉलेज की ओर से विवि को पत्र भेजा जा रहा है। जिससे कि छात्रों का भविष्य खराब न हो।

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- नहीं चल सकीं सिफारिशें -

प्रोफेसरों में हुई मारपीट के बाद प्रोफेसर डा. अखिल कुमार मित्तल की ओर से कोतवाली हापुड़ में मुकदमा दर्ज कराया गया था। जिले के कई बड़े शिक्षाविद् तक इस समझौते को कराने के लिए दिन-रात मेहनत कर रहे थे लेकिन, कोई निष्कर्ष नहीं निकल सका। यहां तक कि प्रबंध समिति पर भी दबाव डालने का प्रयास हुआ। बावजूद इसके मंगलवार को निलंबन की कार्रवाई हुई है। लोगों ने कार्रवाई को सकारात्मक रूप से देखते हुए कॉलेज के बेहतर भविष्य की ओर कदम को माना है। क्योंकि कॉलेज में अनुशासन को लेकर मारपीट के बाद परिजन सवाल उठा रहे थे।


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