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08एचपीआर11 की संशोधित फाइल -प्रखर प्रवासी: महज पांच साल में कनाडा की धरती पर छुआ आसमान

जागरण संवाददाता हापुड़ व्यवसायिक प्रबंधन में स्नातक(बीबीए) करने के बाद तरक्की की मंजिल

By JagranEdited By: Published: Fri, 08 Jan 2021 06:58 PM (IST)Updated: Fri, 08 Jan 2021 06:58 PM (IST)
08एचपीआर11 की संशोधित फाइल -प्रखर प्रवासी: महज पांच साल में कनाडा की धरती पर छुआ आसमान
08एचपीआर11 की संशोधित फाइल -प्रखर प्रवासी: महज पांच साल में कनाडा की धरती पर छुआ आसमान

जागरण संवाददाता, हापुड़ :

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व्यवसायिक प्रबंधन में स्नातक(बीबीए) करने के बाद तरक्की की मंजिल पाने के लिए कनाडा की धरती पर कदम रखा। नया देश, अनजान लोगों के बीच गुरप्रीत सिंह में कुछ करने का जज्बा था। इसीलिए वह महज पांच साल के भीतर इंटरनेशनल ट्रांसपोर्टर बन गए। वर्तमान में कनाडा से विदेशों में उनके द्वारा सामान सप्लाई किया जाता है। हापुड़ के मेरठ रोड निवासी गुरप्रीत सिंह वर्ष 2016 में कनाडा गए थे। आंखों में मंजिल पाने के सपने के लिए उन्होंने कनाडा में नौकरी की, लेकिन सपना था कि अपने देश का नाम कनाडा की धरती पर रोशन करना है। इसके चलते उन्होंने विदेशों में सामान भिजवाने के लिए कंटेनर बनाए। जमीनी स्तर से कार्य शुरू किया और अपने मेहनत एवं लगन से कारोबार को बढ़ाया। वर्तमान में कनाडा की धरती पर गुरप्रीत सिंह इंटरनेशनल ट्रांसपोर्टरों की श्रेणी में नाम लिया जाता है। चीन, अमेरिका आदि बड़े देशों में उनके ट्रांसपोर्ट द्वारा प्रतिदिन बड़ी संख्या में सामान का आवागमन होता है। गुरप्रीत सिंह के पिता अरविद सिंह बताते हैं कि गुरप्रीत सिंह शादीशुदा है। तीन बच्चे हैं। बेशक वह कनाडा में बिजनेस कर रहे हैं, लेकिन आज भी अपनी भारतीय संस्कृति को नहीं भूले हैं। जब कभी भी फोन पर बातचीत होती है तो ऐसा लगता है कि जैसे आमने-सामने हों। बचपन से ही गुरप्रीत सिंह का कुछ बड़ा करने का मन था। इसीलिए बीबीए करने के बाद उसने कनाडा में नौकरी के लिए आवदेन किया और चयन होने के बाद वह वर्ष 2016 में कनाडा चले गए। चार साल तक नौकरी करने के बाद गुरप्रीत सिंह ने अपनी ट्रांसपोर्ट कंपनी बनाई। एक से सवा साल में गुरप्रीत की मेहनत से ट्रांसपोर्ट कंपनी चमक गई और वर्तमान में गुरप्रीत की गिनती इंटरनेशनल ट्रांसपोर्टर के रूप में होने लगी है। कंटेनर द्वारा विदेशों में सामान की सप्लाई की जाती है। वर्तमान में करोड़ों से अधिक व्यापार होता है।


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