लापरवाही के पिलर पर खड़े हैं यमुना व बेतवा पुल
जागरण संवाददाता, हमीरपुर : लापरवाही के पिलर पर खड़े यमुना और बेतवा पुल किसी भी दिन बड़े
जागरण संवाददाता, हमीरपुर : लापरवाही के पिलर पर खड़े यमुना और बेतवा पुल किसी भी दिन बड़े हादसे का कारण बन सकते हैं। इनके खंभों में दरारें साफ दिख रही हैं और समय से देखरेख नहीं हुई तो ये पुल कभी भी नदी में समा सकते हैं। कार्यदायी संस्था पीएनसी के अभियंता भी इस ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं।
करीब 40 साल पुराना यमुना पुल कई बार क्षतिग्रस्त हो चुका है। रोक लगने के बाद भी ओवरलोड वाहन इस पर से गुजर रहे हैं। इसमें लगी बेय¨रग जंग खा रही है और सीधे दबाव पड़ने से खंभों में दरारे आ रही हैं। यही हाल बेतवा पुल का भी है। जिम्मेदारी होने के बाद भी लोक निर्माण विभाग इसकी सही से देखभाल नहीं की। वर्तमान में पुल के देखरेख का जिम्मा कार्यदायी संस्था पीएनसी पर है, मगर बेय¨रग की ओर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। वहीं, लोनिवि के अभियंताओं का कहना है कि यदि ओवरलोड बंद नहीं किया गया तो बुन्देलखंड का प्रवेश द्वार कहे जाने वाले यमुना व बेतवा पुल कभी भी नदियों में समा जाएंगे।
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सही रखरखाव के चलते यमुना व बेतवा नदी के पुल जर्जर हुए हैं। अभी बेय¨रग सही है। कोई शिकायत आती है तो उसकी जांच कराई जाएगी।
- बीएम वर्मा, सहायक अभियंता, पीएनसी
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ओवरलोड के चलते असमय पुल की बेय¨रग खराब हो गई है। इसके देखरेख की जिम्मेदारी पीएनसी के पास है।
-अवधेश कुमार, अधिशासी अभियंता, लोनिवि प्रांतीय खंड
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अभियान का अधिकारियों पर असर नहीं
समाजसेवी विजय द्विवेदी ने बताया कि यमुना पुल करीब पांच बार क्षतिग्रस्त हो चुका है। इस समय भी वह जर्जर है। इसे बचाने के लिए कई बार अभियान चलाया गया। इसके बाद भी पुल की मरम्मत नहीं की जा रही है। पुल कमजोर होने के कारण पीएनसी ने ओवरलोड वाहनों के आवागमन पर रोक लगाने का बोर्ड लगवाया था, लेकिन इसका पालन नहीं हो रहा है।