मनुष्य को निरोगी रखने में सहायक होती है कुश्ती कला
संवाद सहयोगी, सरीला : कुश्ती कला मनुष्य के शारीरिक क्षमता को मजबूती प्रदान कर निरोगी रखने
संवाद सहयोगी, सरीला : कुश्ती कला मनुष्य के शारीरिक क्षमता को मजबूती प्रदान कर निरोगी रखने में सहायक होती है। यही कारण है कि हमारे पूर्वजों ने कुश्ती कला को बढ़ावा दिया है। यह बात पिछड़ा वर्ग वित्त विकास निगम के अध्यक्ष बाबूराम निषाद ने सरीला वार्षिक मेले में आयोजित द्वितीय दंगल के समापन अवसर पर कही है। दंगल में दो दर्जन कुश्तियां कराई गयी। जिनमें पहलवानों ने दांव पेंच दिखाकर लोगों का जमकर मनोरंजन कराया। उनके साथ में चेयरमैन रानी शैफाली कुंवर मौजूद रहीं।
स्व. महाराजा महिपाल ¨सह क्रीड़ा स्थल पर आयोजित द्वितीय दंगल का समापन करते हुए दर्जा प्राप्त राज्य मंत्री बाबूराम निषाद ने नगर के विकास को प्रत्येक स्तर पर सहयोग करने की बात कही है। दंगल में दो दर्जन कुश्तियों में कपिल गुढ़ा ने संजय रोहतक को पटकनी दी। मेघराज मसगांय ने जसवीर उरकरा को धूल चटाई। बालकिशन मवई ने कडे़ संघर्ष के बीच राहुल मंडल को हराया। इसके अलावा शैलेन्द्र कंचनपुरवा व ¨रकू जालौन, रामपाल दतिया, मंगल रहटिया सहित दूर-दूर से आये से आये पहलवानों ने दंगल में कुश्ती कला का सुंदर प्रदर्शन किया। चेयरमैन रानी शैफाली कुंवर के अलावा वृंदावन से आये प्रख्यात कथा वाचक रमाकांत कौशिक, रामशरण गुरुदेव, राजेन्द्र खरे, रामकुमार त्रिपाठी, मेला अध्यक्ष कामता प्रसाद के अलावा भारी संख्या में दर्शक मौजूद रहे।