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236 प्रवासियों को लेकर महोबा पहुंची श्रमिक स्पेशल, प्रशासन अलर्ट

हजरत निजामुद्दीन से चल कर महोबा जंक्शन तक

By JagranEdited By: Published: Mon, 01 Jun 2020 10:51 PM (IST)Updated: Mon, 01 Jun 2020 10:51 PM (IST)
236 प्रवासियों को लेकर महोबा पहुंची श्रमिक स्पेशल, प्रशासन अलर्ट
236 प्रवासियों को लेकर महोबा पहुंची श्रमिक स्पेशल, प्रशासन अलर्ट

जागरण संवाददाता, महोबा : हजरत निजामुद्दीन से चलकर महोबा जंक्शन तक आने वाली दूसरी श्रमिक स्पेशल सोमवार सुबह रेलवे स्टेशन पहुंची। ट्रेन के अंतिम पड़ाव पर 236 यात्रियों को उतारा गया। यात्रियों को शारीरिक दूरी के साथ उतारकर पहले से तैयार खड़ी रोडवेज की बसों से आश्रय स्थल भेजा गया। जहां जनपद के 79 प्रवासियों की जांच के लिए आश्रय स्थलों पर रख कर शेष को स्क्रीनिग के बाद उनके गृह जनपद रवाना कर दिया।

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दिल्ली के हजरत निजामुद्दीन से प्रवासियों को लेकर ट्रेन अपने नियत समय छह बजे रवाना हो गई और भोर तीन बजे महोबा जंक्शन पहुंची। जनपद आने पर प्लेटफार्म नंबर एक पर 236 यात्रियों को उतारा गया। ट्रेन से बांदा के 32, चित्रकूट के 14, हमीरपुर के 25, बस्ती के छह, महोबा के 79 सवारियों के अलावा मध्यप्रदेश के विभन्न जनपदों के 80 यात्री सवार थे। ट्रेन में अपनी छह माह की गर्भवती के साथ यात्र कर आए लवकुश नगर के बीरबल ने बताया कि यात्रा में खाना और पानी का बेहतर इंतजाम रहा। दिल्ली और आगरा दो जगहों पर भोजन दिया गया। पानी की रास्ते के चार स्टापेज पर उपलब्ध हुआ। कमोबेस यही बात अन्य सवारियों ने भी बतायी। पनवाड़ी के ओमकार वर्मा, पनवाड़ी के भरुवा निवासी राजेश, केशव प्रसाद अपने अपने परिवार के साथ स्टेशन उतरे और प्रशासनिक इंतजामों के तहत बसों से रवाना हुए। फोटो -8) रेल कर्मियों ने डरा कर वसूला 355 रुपये किराया

सभी यात्रियों को रेल टिकट दिया गया, जिस पर हजरत निजामुद्दीन के महोबा तक 541 किमी सफर का 355 रुपये मूल्य छपा था। भुगतान मॉड कैश दिखाया गया है। पनवाड़ी के भटेरुवा निवासी राजेश दिल्ली की एक फैक्ट्री में काम कर रहे थे। लॉक डाउन में फंसने के बाद कोई रास्ता नहीं मिला तो ट्रेन से वापसी के लिए उन्हें 31 मई की तारीख दी गई। बकौल राजेश रास्ते में आए रेल कर्मियों ने उनके परिवार के चार सदस्यों से 355 रुपये प्रति टिकट का 1420 रुपये नकद वसूला गया। इसी ट्रेन के तमाम यात्रियों ने यह भी कहा कि टिकट दिया जरूर गया पर किसी ने उसकी कीमत नहीं ली। मामले से साफ है कि रेलवे ने तो निश्शुल्क यात्रा कराई पर टिकट पर मूल्य छापने का कुछ कर्मियो ने फायदा उठा कर यात्रियों का शोषण कर लिया।


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