अधिकारियों के तनातनी से कागजों में बना वार्ड, सड़क पर मरीज
जागरण संवाददाता, हमीरपुर : जिला अस्पताल में क्षय रोगियों को मिलने वाला लाखों रुपए का बजट मरीजो
जागरण संवाददाता, हमीरपुर : जिला अस्पताल में क्षय रोगियों को मिलने वाला लाखों रुपए का बजट मरीजों तक नहीं पहुंच पा रहा है। इसका कारण है सीएमएस व सीएमओ के बीच क्षय रोग वार्ड को लेकर एक मत न होना है। नतीजतन कागजों में तो वार्ड पूरी तरह संचालित हो रहा है लेकिन इलाज के लिए मरीजों को प्राइवेट अस्पतालों में जाना पड़ रहा है।
कई साल पहले क्षय रोग अस्पताल के पीछे रोगियों के भर्ती वार्ड के लिए हॉल का निर्माण हुआ था, लेकिन बाद में उसे सीएमओ की विभागीय बैठकों के उपयोग में लिया जाने लगा। इसके बाद भी कुछ माह पहले शासन से चार लाख रुपए भर्ती वार्ड के जारी हुए। जिसमें तत्कालीन सीएमओ डॉ. सीपी कश्यप ने वार्ड पुरुष जिला अस्पताल में बनवाने का निर्णय लिया था, जिसपर सीएमएस डॉ. आरके शर्मा ने अपना तर्क देते हुए कहा था कि संक्रामक बीमारी के मरीजों का वार्ड आम वार्ड से अलग होना चाहिए। जिसके बाद ना तो वार्ड बना और न बजट का पता चला। मामले में चार दिन पहले चार्ज संभालने वाले सीएमओ डॉ. संतराज का कहना है कि मामला मेरे संज्ञान में नहीं है। जल्द इसका निदान किया जाएगा।
छोटे कमरे में बना वार्ड, फिजीशियन का रोना
क्षय रोग अधिकारी डा. पीके ¨सह ने बताया कि पानी की टंकी के पास एक छोटे कमरे में वार्ड बनाया गया है। अस्पताल में फिजीशियन न होने से गंभीर रोगियों का इलाज नहीं हो पा रहा है। जिला अस्पताल में एक फिजीशियन होने से उनके पास ओपीडी समेत अन्य कार्य होते हैं। जिससे उन्होंने भी क्षय रोग के गंभीर रोगियों को देखने से मना कर दिया है।
वर्जन-
क्षय रोग अस्पताल के पीछे वाला हाल क्षय रोगियों का भर्ती वार्ड है। वहीं मरीजों को भर्ती कराया जाना चाहिए। यदि वार्ड वहां बन जाता है तो वह फिजीशियन को मरीज देखने के लिए निर्देशित करेंगे। चिकित्सकों की कमीं के चलते शासन को पत्र भेजा गया है।
- डॉ. आरके शर्मा, सीएमएस, पुरूष अस्पताल