मासूम की नसों में दौड़ा युवा का खून तो लौटी मुस्कान
मासूम की नसों में जब दौड़ा युवा का खून तो लौट आई मुस्कानमासूम की नसों में जब दौड़ा युवा का खून तो
जागरण संवाददाता, हमीरपुर : जिला अस्पताल में भर्ती मासूम बच्ची के शरीर में महज 1.8 ग्राम खून बचा था। ऐसे में स्वजन को चिंता सता रही कि कहीं बच्ची को कुछ हो न जाए। खून की कमी के चलते परिजन के लोगों ने सोशल मीडिया पर गुहार लगाई। इसी बीच फरिश्ता बनकर पहुंचे एक युवक ने खून देकर मासूम की जान बचा ली।
विकासखंड मौदहा के मकरांव गांव निवासी रामबहादुर की पुत्री लक्ष्मी बीते कई दिनों से पीलिया की बीमारी से ग्रसित थी। पिता ने उसे जिला अस्पताल में भर्ती कराया। लॉकडाउन के समय ब्लड सेंटर में भी खून की कमी होने के कारण परिवार के लोगों को खून नही मिल रहा था। शरीर में महज 1.8 ग्राम होने के कारण स्वजन परेशान थे। ऐसे में उन्होंने सोशल मीडिया पर संदेश लिखकर खून देने की गुहार लगाई। इसकी जानकारी जब चेयरमैन के भाई अशोक निषाद को हुई तो उन्होंने डोनर ग्रुप में एबी पॉजिटिव ब्लड वाले साथी से रक्तदान कर मासूम बच्ची की जिदगी बचाने की मदद मांगी। इस पर युवा आशीष कुशवाहा जिला अस्पताल पहुंचे और उन्होंने इस बच्ची को एक यूनिट ब्लड देकर जिदगी बचा ली। इससे मासूम के चेहरे पर फिर से मुस्कान लौट आई। वहीं अशोक निषाद ने पीड़ित परिवार से बताया कि वह बच्ची के लिए और भी खून की व्यवस्था कराने का काम करेंगे।
फिजीशियन डॉ. आरएस प्रजापति ने बताया कि शरीर में 5 ग्राम से कम खून होना व्यक्ति के लिए हानिकारक होता है। इसके बाद भी कई लोग सतर्कता के चलते बच चुके हैं। समय से खून मिलने के बाद समस्या दूर हो जाती है।