कांपते हाथों से संवार रहे आने वाली पीढ़ी
अनुराग मिश्रा, हमीरपुर कुछ करने का जज्बा हो तो मुश्किल काम भी आसान हो जाता है। इसमें उ
अनुराग मिश्रा, हमीरपुर
कुछ करने का जज्बा हो तो मुश्किल काम भी आसान हो जाता है। इसमें उम्र कभी बाधा नहीं बनती है। ऐसा ही कुछ सेवानिवृत शिक्षक करके दिखा रहे हैं। सेवानिवृत के बाद लोग जहां आराम करते हैं वह अभी भी विद्यालय जाकर बच्चों को शिक्षित करने के साथ उनमें जागरूकता ला रहे हैं। उनका कहना है कि बच्चे देश का भविष्य है हमें इन्हें निखारने की आवश्यकता है। निष्ठा व लगन के साथ काम करने वाले इस शिक्षक को राष्ट्रपति सम्मानित कर चुके हैं।
मूलरूप से मौदहा निवासी सेवानिवृत शिक्षक बृजकिशोर यादव बच्चों के भविष्य संवारने को ¨चतित हैं। 1989 में संपूर्ण शिक्षा विकास को लेकर राष्ट्रपति आर वेंकटरमन से पुरस्कार पाने वाले जिले के परिषदीय विद्यालय के शिक्षक बृजकिशोर यादव 2006 में सेवानिवृत हो चुके हैं। इसके बाद भी उन्होंने स्कूल से मोह नहीं छोड़ा। कांपते हाथों से आज भी स्कूल पहुंच कर बच्चों को ज्ञान देने में जुटे हैं। इसी के साथ वह योग की शिक्षा भी लोगों को दे रहे हैं। इससे वह बीमारी को दूर करने में जुटे हैं। वहीं आर्थिक रूप से पढ़ाई बंद करने वालों की मदद भी करते हैं। पेंशन की आधी धनराशि वह बच्चों के कॉपी किताबों में खर्च करते हैं। इनका कहना है कि बच्चों के पास अच्छी शिक्षा होगी तो वह स्वयं अपनी राह पकड़ लेंगे। इसके बाद उन्हें उड़ान भरने से कोई नहीं रोक सकता है।