चौथे बच्चे की भी चली गई जान
संवाद सहयोगी, राठ : अमगांव गांव में दिल दहला देने वाली घटना में महिला और उसके तीन मासूम ब
संवाद सहयोगी, राठ : अमगांव गांव में दिल दहला देने वाली घटना में महिला और उसके तीन मासूम बच्चों की मौत के बाद आग से झुलसे चार वर्षीय पुत्र प्रशांत की भी शनिवार को इलाज दौरान मौत हो गई। अब धर्मपाल श्रीवास का परिवार आग में स्वाहा हो चुका है। यह सदमा धर्मपाल बर्दाश्त नहीं कर पा रहा है। दूसरे दिन भी बदहवास हालत में है। इधर मासूम दो बच्चों का पुलिस ने पोस्टमार्टम कराया।
शुक्रवार दोपहर बाद क्षेत्र के अमगांव गांव में प्रेमवती उर्फ सुक्खो का विवाद पति धर्मपाल श्रीवास से मायके जाने को लेकर हो गया था। जब पति लकड़ियां लाने गया तभी प्रेमवती ने अपनी बच्चों सपना 5, प्रशांत 4, स्नेहा 2 और सात माह के मासूम पुत्र दिव्यांशु को रस्सी से बांधकर आग लगा दी और खुद को आग के हवाले कर लिया। मासूमों की चीख ग्रामीणों तक पहुंची तो गांव में कोहराम मच गया। आनन फानन सभी को मकान से बाहर निकाला तब तक दिव्यांशु की मौत हो चुकी थी। आग से झुलसे महिला व बच्चों को सरकारी अस्पताल ले आए जहां सपना को डाक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। प्रेमवती और उसके दो बच्चों को डाक्टरों ने झांसी रेफर कर दिया लेकिन रास्ते में प्रेमवती और स्नेहा की मौत हो गई। मासूम प्रशांत झांसी पहुंचा। जहां इलाज के बाद ग्वालियर रेफर कर दिया गया। लेकिन रास्ते में भी उसने दम तोड़ दिया। प्रेमवती और उसके चार बच्चों की मौत के बाद गांव में सन्नाटा पसरा हुआ है। अमगांव गांव के धर्मपाल श्रीवास की शादी के छह साल हो गए। उसकी बड़ी पुत्री गांव के ही कन्या प्राथमिक विद्यालय में कक्षा एक में पढ़ती थी। बाकी बच्चों से धर्मपाल बहुत प्यार करता था। इस घटना के बाद वह दूसरे दिन भी बेसुध है। धर्मपाल श्रीवास की मां लज्जारानी पत्नी सिद्ध गोपाल ने बताया कि उसके तीन पुत्र हैं तथा सभी अलग अलग रहते है। रामप्रकाश, गयाप्रसाद शिक्षक हैं और धर्मपाल अपनी ढाई बीघा खेती बाड़ी के साथ मेहनत मजदूरी करता है। शनिवार को गांव में पूरे दिन मातम छाया रहा।
जनपद महोबा के चरखारी थाना क्षेत्र के स्वासा माफ निवासी पिता ढपुआ श्रीवास ने कोतवाली में दी तहरीर में आरोप लगाते हुए बताया कि उसकी पुत्री प्रेमवती को गत दिनों से पति, जेठ व जेठानी प्रताड़ित करते थे और शुक्रवार दोपहर उसके और बच्चों पर केरोसिन डालकर आग लगा दी।