Move to Jagran APP

भगवान की मूर्तियों से जिंदगी में 'रंग' भर रहीं शायरा

शायरा की मूर्तियों में जीवंत होते भगवानशायरा की

By JagranEdited By: Published: Sat, 30 Nov 2019 11:41 PM (IST)Updated: Sun, 01 Dec 2019 06:06 AM (IST)
भगवान की मूर्तियों से जिंदगी में 'रंग' भर रहीं शायरा
भगवान की मूर्तियों से जिंदगी में 'रंग' भर रहीं शायरा

अनुराग मिश्रा, हमीरपुर

prime article banner

ईश्वर-अल्लाह एक है, एक है राम-रहीम.. एकता और सद्भाव का संदेश देतीं ये पंक्तियां सुमेरपुर विकास खंड क्षेत्र में स्थित छानी गांव में चरितार्थ हो रही हैं। इसका जरिया बना है हिदुस्तान स्वयं सहायता समूह। इसकी संचालिका मुस्लिम शायरा बानो भगवान की मूर्तियों में रंग भरकर जिंदगी संवार रही हैं। उनके साथ समूह से जुड़ी एक दर्जन हिदू महिलाएं भी इस काम में बराबर का हाथ बंटा रही हैं। समूह की ओर से तैयार मूर्तियों की बाजार में खासी मांग है।

आठवीं तक पढ़ाई करने वाली शायरा का निकाह तकरीबन 15 वर्ष पूर्व छानी गांव निवासी जाकिर से हुआ था। जाकिर सिलाई का काम करते हैं। धीरे-धीरे परिवार बढ़ा तो खर्चे भी बढ़ गए। बकौल शायरा जब आर्थिक स्थिति गड़बड़ाने लगी तो एक स्वयं सहायता समूह से जुड़ गई और मोमबत्ती व अगरबत्ती तैयार करने का काम शुरू किया। बचपन से पेंटिंग का शौक था। पति को इस बारे में बताया तो उन्होंने प्रोत्साहित किया। उन्हीं की सलाह पर हिन्दुस्तान स्वयं सहायता समूह गठित कर देवी-देवताओं की मूर्तियों को रंगने का काम शुरू कर दिया। 35 हजार रुपये की व्यवस्था की और कानपुर से गणेश-लक्ष्मी, भगवान विष्णु, मां दुर्गा, शंकर जी की मूर्तियां मंगवाकर रंगना शुरू कर दिया। साथ ही मेला-प्रदर्शनी आदि में इनकी बिक्री शुरू कर दी। धीरे-धीरे बड़े व्यापारी और दुकानदार ऑर्डर देने लगे। ऐसे में अन्य एक दर्जन महिलाओं को भी अपने साथ जोड़ा और बड़े पैमाने पर काम करने लगीं। वह बताती हैं कि सीजन के समय अच्छी आमदनी हो जाती है। बाकी वर्ष भर में आौसतन 70 से 80 हजार रुपये बच जाता है।

यही मेरी आजीविका है

शायरा बताती हैं कि मुस्लिम होने के बावजूद हिदू देवी-देवताओं की मूृर्तियां रंगने में कभी झिझक नहीं हुई। यह तो काम है, इसी से मेरी आजीविका चलती है। आस-पड़ोस में रहने वाली महिलाओं को भी रोजगार मिल जाता है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.