एक साथ पांच शव देख रोया पूरा गांव
संवाद सहयोगी, राठ : महिला और उसके चार मासूम बच्चों का अंतिम संस्कार हो रहा था। तब हर
संवाद सहयोगी, राठ : महिला और उसके चार मासूम बच्चों का अंतिम संस्कार हो रहा था। तब हर शख्स की आंसू की धाराएं रोके से नहीं रुक रही थीं। पुलिस के साये में हुए अंतिम संस्कार में पूरे गांव के ग्रामीण मौजूद रहे। विधायक ने मौके पर पहुंचकर परिजनों को हर संभव मदद का आश्वासन दिया।
गौरतलब है कि क्षेत्र के अमगांव गांव में प्रेमवती ने पति धर्मपाल श्रीवास से झगड़ाकर अपने साथ चार मासूमों की ¨जदगी में आग लगा दी। सात माह के मासूम दिव्यांशु की मौत घटनास्थल पर हो चुकी थी। पांच साल की सपना सरकारी अस्पताल में मृत घोषित हुई और मां प्रेमवती व स्नेहा ने झांसी जाते वक्त रास्ते में दम तोड़ दिया। और दो साल के प्रशांत की झांसी से ग्वालियर जाते समय मौत हो गई। रविवार को मां प्रेमवती का अंतिम संस्कार कर दिया गया व चारों मासूमों को अलग अलग स्थानों पर दफन कर दिया गया है। इस दौरान पुलिस बल मौजूद रहा। मामूली कहा सुनी होने पर महिला व उसके चार मासूमों की जान चली गई। एक साथ पांच लाशों को देखकर हर गांव वालों की आंखों में आंसुओं की धार बहती नजर आई। धर्मपाल अपने बच्चों के शव देख रो रोकर बार बार बेहोश होता रहा। पूरा गांव अंतिम संस्कार में शामिल हुआ। रविवार को तीसरे दिन भी अधिकांश घरों के चूल्हे नहीं जले। रविवार को धर्मपाल श्रीवास के घर सांत्वना देने के लिए क्षेत्रीय विधायक मनीषा अनुरागी, पूर्व मंत्री चौधरी राजेन्द्र ¨सह पहुंचे और पीड़ित परिवार को सरकारी आवास सहित हर संभव मदद करने का आश्वासन दिया। इसके तकरीबन डेढ़ साल पहले पथनौड़ी गांव जाते समय कस्बे की चरखारी रोड़ की सुनीता व उसके तीन मासूम बच्चों की जान नदी पार करते समय चली गई थी। तब भी चार लाश देखकर गांव वालों के दिल दहल गए थे।