Move to Jagran APP

महिला कैदी को 14 वर्ष पूरे करने पर मिली रिहाई

जागरण संवाददाता, हमीरपुर : गणतंत्र दिवस के पर्व को लेकर शासन द्वारा लागू की गई नीति का ला

By JagranEdited By: Published: Sat, 02 Feb 2019 11:29 PM (IST)Updated: Sat, 02 Feb 2019 11:29 PM (IST)
महिला कैदी को 14 वर्ष पूरे करने पर मिली रिहाई
महिला कैदी को 14 वर्ष पूरे करने पर मिली रिहाई

जागरण संवाददाता, हमीरपुर : गणतंत्र दिवस के पर्व को लेकर शासन द्वारा लागू की गई नीति का लाभ आजीवन कारावास की सजा काट रही महिला कैदी को दिया गया। उसे मात्र 14 वर्ष तीन माह की सजा काटने के बाद जिला कारागार से रिहा किया गया है।

loksabha election banner

शनिवार को जिला कारागार में आजीवन कारावास की सजा काट रही महिला कैदी माया पत्नी बब्बू को जेल प्रशासन द्वारा रिहा किया गया। जिसकी रिहाई का जेल के बाहर इंतजार कर रहे परिजनों खुशी जताई। माया ललपुरा थाने के बजेहटा गांव की रहने वाली है। बजेहटा गांव में 19 अक्टूबर 2004 को गांव के जयपाल ¨सह की पांच वर्षीय बेटी की बलि देने को लेकर हत्या कर दी गई थी। जिसका आरोप माया व उसके देवर छोटेलाला पर लगा था और मामले में अदालत ने दोनों को वर्ष 2011 में आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। जबकि बच्ची की हत्या के दूसरे दिन से ही माया जेल में निरूद्ध थी। वहीं एक अगस्त को शासन ने एक स्थाई नीति जारी की थी। जिसमें 14 वर्ष की सजा काट चुकी महिला कैदियों व 16 वर्ष की सजा काट चुके पुरुष कैदियों को उनके चाल चलन के आधार पर रिहा करने का प्राविधान रखा गया था। विस्तृत शासनादेश में कई बिंदुओं का जिक्र किया गया था। वही कारागार प्रशासन द्वारा जिले से तीन कैदियों की रिहाई को लेकर शासन को पत्र भेजा था। जिसमें माया की रिहाई को शासन द्वारा स्वीकृति दे दी गई। जबकि शेष दो की रिहाई को लेकर फाइल शासन के पास लंबित है। जेलर प्रमोद कुमार त्रिपाठी ने बताया कि शासन द्वारा जारी की गई स्थाई नीति के तहत 30 नवंबर तक नाम मांगे गए थे। जिस पर यहां से तीन नाम भेजे गए थे। जिनमें अभी माया के नाम की स्वीकृति मिलने पर आज उसे रिहा कर उसकी शेष सजा को सरकार द्वारा माफ कर दिया गया है।

रिहाई के दौरान नहीं आ सके महिला कैदी के बेटे

रिहाई के दौरान जेल के बाहर महिला कैदी के भतीजे मौजूद थे। जबकि उसके दो बेटे वहां नहीं आ सके। महिला का एक बेटा मोनू दिल्ली में नौकरी करता है और दूसरा शोनू इलाहाबाद में है। जिससे वह दोनों मौके पर नहीं आ सके।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.