सिपाहियों के साथ सादे कपड़ों में पहुंचे लोगों पर उठे सवाल
तालाब के पास बने मंदिर के चबूतरे पर अक्सर ग्रा
जागरण संवाददाता, महोबा : दबिश देने वाले दो सिपाहियों के साथ सादे कपड़ों में अन्य युवक कौन थे, इसका पता नहीं लग सका है। अन्य युवकों को लेकर ग्रामीणों में तरह तरह का संदेह है।
ग्रामीणों के मुताबिक गांव में तालाब के बने मंदिर के चबूतरे पर अक्सर लोग ताश खेलते दिखते है। इस पर पुलिस दबिश भी देती रहती है। ग्रामीणों के बीच अक्सर आने जाने वाले सिपाही सुमित और अशोक को तो लोग पहचानते हैं। लेकिन उनके साथ सादे कपड़ों में आने वाले कौन थे, इसका नहीं पता चल रहा। वह पुलिस कर्मी थे भी या नहीं, इसको लेकर भी संदेह है।
प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक तालाब में कूदे कई लोग बाहर निकले तो सिपाहियों ने उन्हें पकड़ लिया पर ठंडे पानी में लोकनाथ पौन घंटे तक रहा। गहराई में चले जाने से वह डूबने लगा तो सभी बचाने के बजाए सभी भाग निकले। बाद में अपना गला बचाने के लिए पुलिस कर्मियों ने पकड़े गए लोगों को भी छोड़ दिया।
वहीं लोकनाथ के घरवाले पुलिस कर्मियों पर कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। अधिकारियों के आश्वासन पर लोगों ने शव को तालाब से बाहर निकालने दिया। शव को महोबा भेजे जाने तक किसी ने भी तहरीर नहीं दी थी। लोकनाथ राजपूत का एक बेटा रामस्वरूप और एक मूकबधिर बेटी है। जिसे ससुरालियों ने लोकनाथ के पास ही छोड़ दिया। घटना के बाद से पत्नी विद्या समेत घरवालों को रो-रोकर बुरा हाल रहा। मौके पर एएसपी वीरेन्द्र कुमार, एसडीएम सदर राजेश कुमार, सीओ चरखारी दिनेश यादव, सीओ कुलपहाड़ अवध नारायण सिंह सहित कई थानों की पुलिस फोर्स पहुंच गई।
तीन डाक्टरों का पैनल करेगा पोस्टमार्टम
महोबा: सिपाही सुमित और अशोक के साथ सादे कपड़ों में गए लोगों के विषय में सीओ दिनेश यादव ने कहा कि दबिश के लिए कितने लोगों की थाने से रवानगी थी यह जांच के बाद पता चलेगा। फिलहाल मृतक का पोस्टमार्टम कराया जा रहा है। तीन डाक्टरों के पैनल से पोस्टमार्टम कराने का आदेश हो गया है।