शहीद स्मारक के लिए वादे पर वादा, तारीख पर तारीख
अभिषेक द्विवेदी महोबा क्या झूठा था तेरा वादा वादा
जागरण संवाददाता, महोबा : 2 अक्टूबर 2019 को जब समाजसेवी तारा पाटकर ने हवेली दरवाजा में शहीद स्मारक की मांग को लेकर अन्न त्याग सत्याग्रह शुरू किया तो अगले दिन नगर पालिका के अधिशासी अधिकारी लालचंद्र सरोज व तहसीलदार बालकृष्ण ने तीन माह के अंदर निर्माण शुरू कराने का वादा कर जूस पिलाकर उन्हें मनाया था। मगर, लेकिन हर बार की तरह यह वादा भी झूठा निकला। वर्तमान में इस स्थान पर कूड़ा फेंका जा रहा है।
देशभक्तों की शहादत का है मूक गवाह
1857 के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम में अंग्रेजी हुकूमत ने हवेली दरवाजा में इमली के पेड़ से 16 देशभक्तों को फांसी दे दी थी। उन्हीं की याद में यहां स्मारक बनवाने की मांग कई बार की जा चुकी है। अब वह इमली का पेड़ तो नहीं रहा लेकिन यह स्थल देशभक्तों की शहादत का मूक गवाह है। वर्ष 2015 से इसी स्थल पर राष्ट्रीय पर्व पर ध्वजारोहण व दीपावली में दीपोत्सव कार्यक्रम आयोजित किया जाता है।
26 जनवरी से फिर करेंगे सत्याग्रह
समाजेसवी तारा पाटकर कहते हैं कि आश्वासन का समय गुजर गया है। यह शहीदों का अपमान है। जल्द शहीद स्मारक का निर्माण शुरू नहीं हुआ तो वह 26 जनवरी से फिर से अन्न जल त्याग सत्याग्रह करेंगे।
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कब-कब मिला आश्वासन
10 अगस्त 2015 को समाजसेवी तारा पाटकर ने एसडीएम को ज्ञापन सौंपा।
15 अगस्त 2015 को हवेली दरवाजा में ध्वजारोहण समारोह में आए पूर्व विधायक बाबूलाल तिवारी व स्वतंत्रता संग्राम सेनानी अच्छेलाल सक्सेना ने भी प्रशासन से स्मारक की मांग की थी।
अक्टूबर 2016 में दीपावली पर दीपोत्सव के पूर्व जिलाधिकारी से मांग की गई।
सितंबर 2019 में नगर पालिका ईओ को पत्र भेजकर समाजसेवी तारा पाटकर ने मांग की। इसी माह आरएसएस जिला प्रचारक पुनीत को ज्ञापन सौंपा।
कुछ न होने पर 2 अक्टूबर 2019 को तारा पाटकर ने भूख हड़ताल की।
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क्या कहते हैं अधिकारी
यह जमीन अभिलेखों में पहले लंबरदारों के नाम दर्ज थी। कुछ जमीन पालिका की भी है। दोनों पक्षों की आपसी सहमति से स्मारक का निर्माण कराना चाहते हैं। जल्द ही कोई हल निकल आएगा।
-लालचंद्र सरोज, अधिशासी अधिकारी