कैंसर पीड़ित कैदी ने जेल में लगाई फांसी
जागरण संवाददाता, हमीरपुर : अधिवक्ता की हत्या में आजीवन कारावास की सजा काट रहे कैंसर प
जागरण संवाददाता, हमीरपुर :
अधिवक्ता की हत्या में आजीवन कारावास की सजा काट रहे कैंसर पीड़ित कैदी नरेंद्र (40) ने शुक्रवार रात जिला जेल में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। राठ कस्बा निवासी नरेंद्र के पिता, चाचा और तीन भाई भी जिला जेल में आजीवन सजा काट रहे हैं। पूरा परिवार जेल में होने के कारण नरेंद्र के अंतिम संस्कार में समस्या खड़ी हो गई है। वजह यह कि उसके पांच लड़की और एक ही लड़का है जो अभी छोटा है। इसके अलावा उसका अंतिम संस्कार करने वाला कोई नहीं है। मृतक के परिजन ने अंतिम संस्कार के लिए जेल में बंद पिता या भाई को भेजे जाने की मांग की है। अपर जिलाधिकारी ने बताया कि मामले में वह विधिक सलाह ले रहे हैं। यदि संभव होगा तो जेल में बंद परिजन को अंतिम संस्कार में शामिल होने की अनुमति दी जाएगी।
नरेंद्र ने बैरक के शौचालय में गमछे से फंदा लगा फांसी लगाई। रात दो बजे जेलर प्रमोद तिवारी ने सूचना प्रभारी जेल अधीक्षक एडीएम विनय प्रकाश श्रीवास्तव को दी। एसडीएम सदर अजीत परेस भी जेल पहुंचे और शव उतार पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया। नरेंद्र की मौत के बाद परिजन का रो-रोकर बुरा हाल था। प्रभारी जेल अधीक्षक ने बताया कि नरेंद्र पिछले दो साल से कैंसर से पीड़ित था। उसे जुलाई में कैंसर अस्पताल कानपुर में भर्ती कराया गया था। वहां से उसे 25 अगस्त को डिस्चार्ज कर दिया गया था। जेल आने पर उसकी पीड़ा बढ़ती गई। समय समय पर उसे जेल अस्पताल और सदर अस्पताल भेजा जाता था, मगर हालत लगातार बिगड़ती जा रही थी। वह असहनीय पीड़ा से जूझ रहा था। मुंह से लेकर गले तक पट्टी बंधी थी और नाक में नली पड़ी थी।
वर्ष 2016 से जेल में था निरुद्ध
10 फरवरी 2016 को कस्बे के ही अधिवक्ता अशोक कुमार की हत्या में नरेंद्र उसी वर्ष से जेल में बंद था। पिता, चाचा व भाइयों को जमानत मिल गई थी। इसी माह 20 तारीख को अपर सत्र न्यायाधीश एफटीसी द्वितीय ने सभी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी।