प्रेमवती ने जबरन पति को भेजा था नीम काटने
संवाद सहयोगी, राठ : एक जिद और उससे उपजा मामूली विवाद इतनी बड़ी घटना का रूप ले लेगा, अमगा
संवाद सहयोगी, राठ : एक जिद और उससे उपजा मामूली विवाद इतनी बड़ी घटना का रूप ले लेगा, अमगांव गांव के ग्रामीण अभी तक विश्वास नहीं कर पा रहे हैं। खुद धर्मपाल ने भी सपने में नहीं सोचा था कि उसकी पत्नी प्रेमवती बच्चों के साथ आत्मदाह करने का कदम उठा लेगी। उसको पत्नी ने ही जबरन नीम काटने घर से बाहर भेजा था। इसके पीछे उसका यह इरादा हो सकता है, धर्मपाल को इसका भान तक नहीं था।
धर्मपाल श्रीवास ढाई बीघा का काश्तकार है। वह अपनी कृषि योग्य भूमि में खेती के साथ गांव और कस्बे में मजदूरी करता है। आर्थिक तंगी से जूझ रहे धर्मपाल ने इलाहाबाद बैंक से 80 हजार रुपये का किसान क्रेडिट कार्ड भी बनवाया था। साहूकारों का एक लाख रुपये भी कर्ज लिया था। गत आठ अक्टूबर को पत्नी के मायके के एक रिश्तेदार के यहां श्राद्ध का कार्यक्रम होना था। पत्नी वहां जाने के लिए जिद कर रही थी। धर्मपाल ने यह कहते हुए मना कर दिया कि अभी खेती बाड़ी का काम है, फिर चली जाना। यह बात प्रेमवती को नागवार गुजर गई और उसने दिल दहला देने वाला कदम उठाया। प्रेमवती और तीन मासूमों की मौत के बाद एक बेटा मौत से जूझ रहा हैं। वह भी 90 फीसद जला है। आग से धर्मपाल श्रीवास का कच्चा घर भी राख हो गया। सीओ अभिषेक यादव ने बताया कि महिला के कलमबंद बयान दर्ज कर लिए गए हैं। आगे की जांच की जा रही है।
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स्ट्रेचर नहीं मिला, आधा घंटे तड़पे मां और बच्चे
एक बार फिर सरकारी अस्पताल में अव्यवस्था की पोल खुल गई। घटना की जानकारी अस्पताल प्रशासन को पहले ही हो चुकी थी। झुलसी अवस्था में मां और बच्चों को लेकर अस्पताल लाया गया तो स्ट्रेचर की कोई व्यवस्था नहीं थी। तकरीबन आधा घंटे तक मां और बच्चे तड़पते रहे। चिकित्सा प्रभारी डा.आरपी वर्मा मी¨टग में गए थे। जब उन्हें सूचना मिली तो उनके कहने पर स्ट्रेचर की उपलब्धता हो सकी।