जनसंख्या का बोझ आर्थिक विकास में बाधक
जागरण संवाददाता, हमीरपुर : भारत विश्व में जनसंख्या बाहुल्य वाले देश के रूप में जाना जाता है।
जागरण संवाददाता, हमीरपुर : भारत विश्व में जनसंख्या बाहुल्य वाले देश के रूप में जाना जाता है। जनसंख्या वृद्धि देश की एक बहुत बड़ी समस्या है। हर दस दस वर्ष बाद जनगणना होती है। जिसके आंकड़े किसी विस्फोट से कम नहीं है। वे आंकड़े चौकाने वाले होते हैं। देश के 29 राज्यों में जनसंख्या विस्तार सुरक्षा नीति के अनुसार हो रहा है। उप्र देश का सर्वाधिक आबादी वाला राज्य है। वहीं सीमित क्षेत्र वाले हमीरपुर जनपद में भी आबादी कम नहीं है। 2011 की जनगणना अनुसार 1104285 आबादी वाला जनपद है। वर्ष 2001 से 2011 के बीच दस वर्ष से इस जनपद की आबादी एक लाख से ऊपर बढ़ गई। यहां पर बढ़ती आबादी घटते संसाधन व ¨चता के सबब बनने जा रहे हैं। यह आबादी का बोझ जहां देश के आर्थिक विकास की रीढ़ तोड़ रहा है। वहीं यह अंतहीन समस्या बनती जा रही है। जनाधिक्य संसाधनों पर इस कदर भारी है। सारे संसाधन बौने होते जा रहे हैं। इस जनपद के लोगों के लिए ट्रेन, बस एवं अन्य आवागमन के साधन ऊंट के मुंह में जीरा साबित हो रहे है। जिले से होकर गुजरने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग 34 की दुर्घटनाएं एक अंतहीन समस्या बन चुकी है। हजारों लोग काल के गाल में समा गये हैं। इस आबादी के बोझ पर जब तक एक सम्यक जनसंख्या नियंत्रण नीति नहीं बनेगी जो वोट की राजनीति से प्रभावित नहीं होगी। तब तक यह सारे संसाधन नाकाफी होंगे।
आबादी का नियोजन चीन नीति के अनुसार होना चाहिए। आर्थिक संसाधनों की वृद्धि के साथ नीति और नियत साफ सुथरी होना चाहिए। बढ़ती आबादी के नियंत्रण के बिना शेष सारे ¨बदुओं पर ¨चतन बेमानी होगा। यहां पर भी यदि मानव शक्ति का एक सापेक्ष संसाधन के रूप में प्रयोग हो तो समस्या का समाधान कुछ सीमा तक हो सकता है। एक समान संहिता भी इस जनाधिक्य पर प्रभावी नियंत्रण स्थापित कर सकती है।
डा. भवानीदीन ¨सह, पूर्व प्राचार्य राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय हमीरपुर