Mining Scam : सीबीआइ ने तेज की जांच, अब रडार पर हमीरपुर के तत्कालीन डीएम श्रीनिवास लू
Mining Scam सीबीआइ टीम ने अवैध खनन मामले में जांच तेज कर दी है। हमीरपुर जिले में सीबीआइ की जांच का बुधवार को तीसरा दिन है।
हमीरपुर, जेएनएन। सीबीआइ टीम ने अवैध खनन मामले में जांच तेज कर दी है। जिले में सीबीआइ की जांच का बुधवार को तीसरा दिन है। कई लोगों को पूछताछ के लिए तलब किया गया है। इससे पहले सीबीआइ ने 2012 में तत्कालीन जिलाधिकारी जी श्रीनिवास लू को रडार पर लिया है।
मंगलवार को सीबीआइ टीम कलेक्ट्रेट स्थित खनिज कार्यालय पहुंची और पट्टों से संबंधित दस्तावेज खंगाले। जिलाधिकारी व अपर जिलाधिकारी से मिलकर जानकारियां लीं। सीबीआइ की टीम ने चार बजे यहां पहुंचकर खनन संबंधी कागजात देखे और कुछ अपने साथ ले गए। कुछ कागजात कैंप कार्यालय भिजवाने के निर्देश दिए। टीम ने डीएम ज्ञानेश्वर त्रिपाठी से करीब 25 मिनट तक मुलाकात की। उनसे 2012 में तैनात रहे डीएम जी श्रीनिवास लू के बारे में जानकारी ली और उनके आवास का पता पूछा। साथ ही उनके कार्यकाल में मौरंग पट्टों के बारे जानकारी ली और दस्तावेज मांगे। इसके बाद टीम ने एडीएम विनय श्रीवास्तव से 15 मिनट तक बात की।
मौरंग व्यवसायी से पांच घंटे पूछताछ
अवैध खनन में नामजद आरोपित पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष संजय दीक्षित के चाचा राकेश दीक्षित से पांच घंटे पूछताछ की गई। उनसे खनन और सिंडीकेट वसूली को लेकर सवाल-जवाब किए।
पूर्व में जारी नोटिस बैरंग लौटे
बताते हैं कि सीबीआइ ने अवैध खनन से जुड़े लोगों को दिल्ली से नोटिस जारी किए थे। करीब एक दर्जन नोटिस बिना रिसीव हुए ही लौट आए। सभी में संबंधित पते पर इस नाम का कोई व्यक्ति न मिलने की बात लिखी है। इसकी सही जानकारी के लिए सीबीआइ टीम ने डाकघर में पड़ताल की। डाकिया से भी पूछताछ की। अब नोटिस भेजने की जिम्मेदारी पुलिस को सौंपी गई है ताकि मामले से जुड़े लोग बहानेबाजी न कर सकें।
कारोबारियों के नंबर बदले
पूर्व में पूछताछ के दौरान अवैध खनन कारोबारियों द्वारा सीबीआइ को दिए मोबाइल नंबरों में ज्यादातर बंद हैं। इससे सीबीआइ को जानकारियां जुटाने में दिक्कत आ रही है और नए सिरे से नंबर जुटाए जा रहे हैं।
गांव में खनन के ट्रक
कुरारा क्षेत्र के इंदपुरी गांव के राजेंद्र निषाद, लक्ष्मी, दिनेश, दीपकुंवर आदि कैंप कार्यालय पहुंचे। उन्होंने सीबीआइ टीम से गांव से निकलने वाले मौरंग के खाली व भरे ट्रक निकलने से होने वाली परेशानी का दुखड़ा रोया। उन्होंने प्रार्थना पत्र देकर ट्रकों की बाहर से आवागमन व्यवस्था कराने की मांग की। सीबीआइ टीम ने ग्रामीणों से कहा कि यह काम जिला प्रशासन का है वहीं शिकायत करें।