मौत से जूझ रही महिला को महादान कर दी जिंदगी
मौत करती रही इंतजार और फरिश्ते ने आशा की लौट
जागरण संवाददाता, हमीरपुर : जिदगी और मौत की जंग लड़ रही महिला को एक फरिश्ते ने आकर अपनी इंसानियत दिखाते हुए एक यूनिट ब्लड देकर उसकी जिदगी बचाने का काम किया।
विकासखंड मौदहा के बिगहना गांव निवासी आशा देवी पत्नी लक्ष्मी प्रसाद के शरीर में खून की कमी होने के कारण उसे घरवालों ने उसे जिला अस्पताल में भर्ती कराया। महिला के शरीर में महज पांच ग्राम ही खून था। लॉकडाउन के कारण ब्लड सेंटर में खून की उपलब्धता न होने के कारण वह तीन दिनों तक अस्पताल के बिस्तर में जिदगी और मौत से जूझ रही थी। इसकी जानकारी जब चेयरमैन कुलदीप निषाद के छोटे भाई अशोक निषाद को लगी तो उन्होंने ब्लड डोनर ग्रुप में इस समस्या को साझा करते हुए अपने युवा साथियों से मदद मांगी। जिस पर मुख्यालय के मिश्राना मोहल्ला निवासी सत्यम अवस्थी ने आकर महिला को एक यूनिट ए पॉजिटिव ब्लड देकर उसकी जिदगी बचाने का काम किया। इस मौके पर हिमांशु श्रीवास्तव भी मौजूद रहे। खाली पेट ही खून देने पहुंच गया युवा
युवा सत्यम अवस्थी को जब महिला की परिस्थितियों के बारे में पता चला तो वह खाली पेट ही खून देने अस्पताल पहुंच गए। जहां पर खून लेने से मना कर दिया गया। जिसके बाद वह खाना खाकर फिर अस्पताल पहुंचे और रक्तदान किया।