लवकुश ने बीमारियों पर लगाया 'अंकुश'
अनुराग मिश्रा, हमीरपुर : मां को बीमारी ने जकड़ा तो वो पूरी दुनिया से लड़ने निकल पड़े। चिि
अनुराग मिश्रा, हमीरपुर : मां को बीमारी ने जकड़ा तो वो पूरी दुनिया से लड़ने निकल पड़े। चिकित्सकों के दरवाजों पर निराशा मिली, लेकिन योग ने संजीवनी का काम किया। मां ठीक हुई तो लवकुश ने योग से हर बीमार को ठीक करने का संकल्प लिया। आज वह 400 से अधिक शिविर लगा चुके हैं और 100 अधिक लोग योग करने से बीमार की जंजीर को तोड़ चुके हैं। सात साल से शुरू इस कड़ी से लोग जुड़ते गए और वह जिले के कई कस्बों के साथ ही आसपास के जनपद में भी योग की शिक्षा दे रहे हैं।
मुख्यालय से करीब सौ किलोमीटर दूर जराखर गांव के किसान लवकुश के पिता का निधन 15 वर्ष पूर्व बीमारी से हो गया था। मां कुसमा रानी बुखार से पीड़ित थी, जो काफी इलाज के बाद भी ठीक नहीं हो सकीं। एक दिन राठ कस्बे के शिवप्रकाश से योग से इलाज की सलाह दी तो वह मां को लेकर वर्ष 2011 में हरिद्वार पहुंच गए। बाबा रामदेव के योग शिविर में भाग लिया और घर आने पर मां को योग कराते रहे। धीरे-धीरे मां ठीक हो गई। 24 सितंबर 2011 में कस्बे में आए बाबा रामदेव से उनकी मुलाकात हुई और लवकुश भारत स्वाभिमान ट्रस्ट से जुड़कर योग की कक्षाएं राठ कस्बे में चलाने लगे। यहीं से उनका अभियान शुरू हो गया।
-----------------------
अब ठीक होकर ये भी बताते हैं योग के फायदे
राठ कस्बा की पुष्पा गुप्ता को डायबिटीज हुआ था। योग से फायदा हुआ तो अब वह लोगों को इसके फायदे बताती हैं। वहीं, मुख्यालय की रहने वाली आशा दीक्षित के घुटने का दर्द, आशुतोष दीक्षित के पीठ का दर्द ठीक हुआ तो वह भी लोगों को नियमित योग करने की सलाह देते हैं।
-----------------
इन स्थानों पर नियमित लगता है शिविर
- स्थानीय नगर पालिका स्थित व्यायामशाला में प्रतिदिन सुबह पांच बजे से योग कराया जाता है। राठ कस्बे में भी छोटेलाल अकादमी विद्यालय में भी शिविर लगता है।