कांवड़ियों ने शिव का किया जलाभिषेक
संवाद सहयोगी, सरीला : सावन माह के तीसरे सोमवार को नगर के शल्लेश्वर मंदिर पर दूर दराज से
संवाद सहयोगी, सरीला : सावन माह के तीसरे सोमवार को नगर के शल्लेश्वर मंदिर पर दूर दराज से आए सैकड़ों कांवड़ियों ने कांवड़ चढ़ाकर शिव का जलाभिषेक किया। नगर के लोगों ने कांवड़ियों का गर्मजोशी के साथ स्वागत किया। कांवरियों ने पार्थिव शिव¨लग बचाने में भी हिस्सा लिया। सारे दिन मंदिर में हर हर बम बम के गगन भेदी नारों से गूंजता रहा।
नगर के शल्लेश्वर मंदिर पर सावन महीने भर शिव जी का रुद्राभिषेक कार्यक्रम चलाता है। इस वर्ष महापुराण की कथा भी मथुरा से आई कथा व्यास पुष्पांजलि दीदी द्वारा सुनाई जा रही है। इसके अलावा सवा लाख शिव¨लग बनाने का कार्य चल रहा है। जिसमें भारी संख्या में महिला पुरुष आकर शिव¨लग बनाते हैं। अभी तक 61 हजार से अधिक शिव¨लग बनाए जा चुके हैं। सावन के तीसरे सोमवार को मंदिर में क्षेत्र कदौरा, पचखुरा, हरसुंडी, सहित तमाम गांव के शिव भक्त कांवड़ियों ने बेतवा नदी से जल लेकर मंदिर पर आकर कावरें चढ़ाई तथा शिव जी का जलाभिषेक कर अपना व्रत तोड़ा। सैकड़ों की संख्या में लोग मंदिर पर पहुंचे कांवड़ियों के हर हर बम बम के गगन भेदी नारों से सारे दिन मंदिर का वातावरण गुंजायमान रहा। कांवड़ियों में नगर के एक सैकड़ों भक्त कानपुर स्थित गंगा नदी से जल लेकर पैदल सरीला आए और शिव जी का जलाभिषेक किया। सुरक्षा की दृष्टि से मंदिर पर पुलिस को लगाया गया है। ढोल नगाड़ों के साथ नगर में घूमते कांवड़ियों ने लोगों के आकर्षण का केंद्र बने रहे।
शिव पूजन से मिलता यश
सरीला : चित्त की वृत्तियों का सर्वथा निरोध निरंतर अभ्यास व वैराग्य से होता है। यह बात कथा व्यास पुष्पाजलि दीदी ने महाशिव पुराण की कथा के दौरान कही। शल्लेश्वर मंदिर पर चल रहे महाशिव पुराण की कथा में सोमवार को उन्होंने कहा कि मनुष्य में नित्त की वत्तियों के अनुसार गुणों का विकास होता है। उन्होंने लोगों के आत्मा से परमात्मा का बोध कराने के विषय पर विस्तार से बताया और श्रावध मास में शिव जी की भक्ति प्राप्त फलों की जानकारी भी दी। कथा सुनने के लिए भारी संख्या में श्रोता मौजूद रहे। भगवत शरण शास्त्री ने पूजन कराया।