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उठान न होने से खरीद केंद्र में नहीं बची बोरे रखने की जगह

संवाद सहयोगी राठ आसमान पर डोल रहे काले काले बादलों से गेहूं खरीद केन्द्र प्रभारियों के साथ ही किसानों को भी मुश्किलों में डाल रहे है। गेहूं से भरे बोरों की उठान प्रभावित होने से केन्द्र परिसर में गेहूं के बोरे रखने को स्थान नही बचा है। इस मुश्किलों में धीमी तौल किसानों के लिए जी का जंजाल बनी हुई है। सरकारी गेहूं खरीद केन्द्रों पर किसानों को 1

By JagranEdited By: Published: Thu, 18 Apr 2019 11:23 PM (IST)Updated: Sat, 20 Apr 2019 06:13 AM (IST)
उठान न होने से खरीद केंद्र में नहीं बची बोरे रखने की जगह
उठान न होने से खरीद केंद्र में नहीं बची बोरे रखने की जगह

संवाद सहयोगी, राठ : आसमान पर डोल रहे काले काले बादलों से गेहूं खरीद केंद्र प्रभारियों के साथ किसानों को भी मुश्किलों में डाल रहे हैं। गेहूं से भरे बोरों की उठान प्रभावित होने से केन्द्र परिसर में गेहूं के बोरे रखने को स्थान नहीं बचा है। इस मुश्किलों में धीमी तौल किसानों के लिए जी का जंजाल बनी हुई है।

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सरकारी गेहूं खरीद केन्द्रों पर किसानों को 18 दिनों में ही मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। पांच गेहूं खरीद केन्द्र में किसानों का अनाज खरीदा जा रहा है। किसानों का कहना है कि इस बार सरकार ने किसानों के हित में खरीद नही कर रही है। केन्द्र प्रभारियों को एक दिन में तीन सौ क्विंटल की खरीद करने से धीमी तोलाई हो रही है। वहीं एक हेक्टेयर पर 32 क्विंटल ही गेहूं खरीदा जा रहा है। जबकि पैदावार अच्छी होने के कारण एक हेक्टेयर पर किसानों की तकरीबन 50 क्विंटल की फसल निकल रही है। बाकी फसल किसान खुले बाजार में औने पौने दामों में बेचने का मजबूर है। खरीद केन्द्रों में किसानों से खरीद हुआ गेहूं भरा हुआ है। लेकिन उठान न होने से प्रभारी मुश्किल में है। क्रय विक्रय केन्द्र के प्रभारी मनमोहन यादव, पीसीएफ के शहजाद और एग्रो के रामकुमार पाल ने बताया कि गेहूं से भरे बोरे रखने की जगह नही बची है उठान में देरी के कारण भारी मुश्किलें हो रही है। मजबूरी में खुले आसमां तले गेहूं की खरीद करनी पड़ रही है। एसडीएम सुरेश कुमार का कहना है कि गेहूं का उठान होने लगा है।


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