भगवान किसी को मारते नहीं बल्कि तारते हैं
जागरण संवाददाता, महोबा: शहर के डाक बंगला मैदान में चल रही भागवत कथा के पांचवें दिन भक्
जागरण संवाददाता, महोबा: शहर के डाक बंगला मैदान में चल रही भागवत कथा के पांचवें दिन भक्तों को कथा का रसपान कराते हुए कथा वाचक वृंदावन से आए अतुल कृष्ण भारद्वाज ने राक्षस पूतना विषय पर कहा कि आज भी समाज में हजारों पूतना जीवित हैं। भगवान किसी को मारते नहीं तारते हैं। भगवान ने पहले तीनों अवतारों में महिला रूपी राक्षसों का नाश किया।
उन्होंने कहा कि टीवी, मोबाइल रूपी पूतना परिवार को तोड़ने का कार्य कर रही है। जिसका प्रभाव समाज में पड़ रहा है। कथा वाचक ने वासुदेव और नंदबाबा के मिलन के प्रसंग का वर्णन करते हुए कहा कि सच्ची मित्रता वही है जो मित्रों के कष्टों को सुनकर उसे अपना कष्ट मानकर दूर करने का प्रयास करे। व्यक्तिगत कष्टों को मित्र के सामने चर्चा नहीं करनी चाहिए। मनुष्य जिस भाव में भगवान का सुमिरन करता है, भगवान उसी भाव में उसे अपने हृदय में बसा लेते हैं। भगवान केवल भाव देखते हैं। कथा के अंत में भगवान श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं एवं माखन चोरी के प्रसंगों को अति मार्मिक तरीके से प्रस्तुत किया।