राशन की कालाबाजारी होने पर खाद्य गोदाम सीज
से सरकारी राशन की कालाबाजारी की शिकायत पर
संवाद सहयोगी, राठ : मंडी में सरकारी चावल की काला बाजारी पर डीएम के निर्देश पर नायब तहसीलदार और पूर्ति निरीक्षक ने खाद्य एंव रसद विभाग के गोदाम पर छापा मारा। एसएमआई के गायब होने और पल्लेदारों के भरोसे चल रहे गोदाम खोले जाने पर डीएम के निर्देश पर नायब तहसीलदार ने गोदाम सीज कर दिया।
डीएम ज्ञानेश्वर त्रिपाठी ने शनिवार को शिकायत को संज्ञान में लेकर डीएम ने नायब तहसीलदार धनेंद्र कुमार के नेतृत्व में तीन सदस्यीय टीम को जांच के लिए मंडी में बने खाद्य एंव रसद विभाग के गोदाम में छापेमारी के लिए भेजा। नायब तहसीलदार ने पूर्ति निरीक्षक रविद्र कुमार, लेखपाल दिलीप पाठक, अभिषेक त्रिवेदी की टीम के साथ गोदाम में पहुंच छापा मारा। कुछ पल्लेदार सरकारी राशन की बोरियों की उठा पटक करते मिले। नायब तहसीलदार ने गेहूं और चावल की बोरियों की गिनती कराई। पल्लेदारों से जब एसएमआई करूणेंद्र सिंह के बारे में पूछा तो बताया गया कि वह कानपुर गए हैं। उन्होंने जब सत्यापन के लिए कागज मांगे तो नहीं दिखा सके। बताया गया कि लिपिक रामबाबू यादव दस्तावेज लेकर छानी गए हैं। इस दौरान पल्लेदारों द्वारा गोदाम चलाने से नाराज नायब तहसीलदार ने गोदाम को सीज कर दिया। मंडी में चर्चा है कि खाद्य एंव रसद विभाग के गोदाम को पल्लेदार ही चलाते हैं। हर महीने होता टनों गेहूं चावल में खेल
लोगों का कहना है कि माह के आखिरी दिनों में कोटेदारों को गेहूं और चावल वितरण के बाद जो चावल बचता है उसे ब्लैक कर दिया जाता है। नाम न छापने की शर्त पर करीबी लोगों ने बताया कि कुछ कोटेदार अपना पूरा राशन न ले जाकर गोदाम में ही कुछ बोरे छोड़ जाते हैं। जहां पर गोदाम के अधिकारियों की मिलीभगत से माफियाओं तक पहुंचा दिए जाते हैं।