40 करोड़ भुगतान दबाकर बैठीफसल बीमा कंपनी
जनपद में प्रधानमंत्री फसल बीमा के लिए अधिकृत की
जागरण संवाददाता, महोबा : ओला और अतिवृष्टि से खरीफ फसल की बर्बादी पर अन्नदाता के आंसू पोछने में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना भी नाकाम साबित हो रही है। जिले में फसल बीमा के लिए अधिकृत कंपनी भुगतान की जगह अन्नदाता के जख्मों पर नमक छिड़क रही है। राजस्व विभाग के फसल नुकसान आकलन को दरकिनार कर कंपनी करीब 40 करोड़ रुपये का भुगतान दबाकर बैठी है। जिलाधिकारी अवधेश तिवारी ने अब कृषि निदेशक को पत्र भेज जिले के हजारों किसानों को भुगतान करवाने को कहा है। दूसरी ओर पूर्व सांसद गंगाचरण राजपूत ने कृषि मंत्री से शिकायत करने के साथ ही उच्च न्यायालय में जनहित याचिका डाली है। कोर्ट ने कंपनी और शासन को जवाब दाखिल करने का समय दिया है।
खरीफ फसल में मुख्य तौर पर उड़द, मूंग, तिल के साथ मूंगफली आदि की बोआई की जाती है। प्रधानमंत्री फसल बीमा के तहत 92 हजार से ज्यादा किसानों ने बीमा कराया। बीमा करने की जिम्मेदारी यूनिवर्सल सोम्पो जनरल इंश्योरेंस कंपनी को मिली है। बीमा के रूप में कुल 37.91 करोड़ रुपये की धनराशि जमा हुई। किसानों की 60 से 95 फीसद तक फसल बर्बाद हो गई। कंपनी ने मध्यावधि सर्वे करा क्षतिपूर्ति नहीं दी। जिलाधिकारी ने कंपनी के निदेशक को टीम गठित करने के लिए 21 सितंबर को पत्र लिखा तो 22 सितंबर को मध्यावधि सर्वे करने से इन्कार का जवाब मिला। इस पर राजस्व टीम ने सर्वे के बाद पहले उड़द, मूंग व तिल की फसल का विवरण कंपनी को मुहैया कराया, बाद में मूंगफली का। कंपनी ने बीती 13 जनवरी को किसानों के खाते में सबसे कम नुकसान वाली मूंगफली फसल की क्षतिपूर्ति के तौर पर लगभग 3.5 करोड़ रुपये डाले। अनुमानित 40 करोड़ रुपये के भुगतान वाली उड़द, मूंग, तिल फसल की क्षतिपूर्ति पर अभी तक निर्णय नहीं लिया।
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बीमा नियम
बीमा की शर्तो के अनुसार फसल कटाई के 15 दिन पहले तक होने वाले नुकसान में मध्यावधि सर्वे कर क्षतिपूर्ति दी जाएगी। कंपनी 30 कार्य दिवसों में प्रभावित बीमित किसानों को क्षति पूर्ति देगी।
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जिले में कंपनी के पास पांच कर्मचारी हैं जो इतनी जल्दी मध्यावधि सर्वे नहीं कर सकते हैं। मूंगफली की क्षतिपूर्ति किसानों के खातों में भेजी जा चुकी है। उच्चाधिकारी जल्दी ही अन्य फसलों की क्षतिपूर्ति का भी निर्णय लेंगे।
मुकेश कुशवाहा, जिला समन्वयक यूनिवर्स सोम्पो
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राजस्व विभाग ने सर्वे कर लिया है। कंपनी के निदेशक के साथ ही कृषि निदेशक को भी किसानों को क्षतिपूर्ति दिलाने के लिए पत्र भेजा गया है।
अवधेश कुमार तिवारी, डीएम