प्रतिमाओं को दिया अंतिम रूप
संवाद सहयोगी, भरुआ सुमेरपुर : कस्बे का युवा मूर्तिकार देवी प्रतिमाओं के निर्माण में बंगाली क
संवाद सहयोगी, भरुआ सुमेरपुर : कस्बे का युवा मूर्तिकार देवी प्रतिमाओं के निर्माण में बंगाली कारीगरों को मात दे रहा है। गांव की मिट्टी, धान के पयार, जूट के बोरे व वाटर कलर के सहयोग से मां जगत जननी जगदंबा की नयनाभिराम मूर्तियां गढ़ने में जुटा है।
पिछले छह वर्षों से कस्बे के बांकी मार्ग में मूर्तियां बनाने वाले युवा मूर्तिकार का इस वर्ष अभी तक एक सैकड़ा मूर्तियों के आर्डर मिल चुके हैं। जिन्हें पूरा करने के लिए यह आधा दर्जन सहयोगी कलाकारों के साथ रात दिन मूर्तियां बनाने में मशगूल है।
बांकी मार्ग में पानी टंकी के समीप रहने वाला मूर्तिकार मनोज पिछले छह वर्षो से मूर्ति बनाने में जुटे हैं। वैसे तो इसको सभी तरह की मूर्तियां बनाने का हुनर प्राप्त है, लेकिन मां दुर्गा की मूर्ति बनाने में इसको महारत हासिल है। इस युवा कलाकार ने अपने हुनर से बंगाली कलाकारों को मात दे दी है। वैसे अभी नवरात्र शुरू होने में एक पखवारे का समय बांकी है, लेकिन जिस तरह से दूर दूर से लोग उसके पास देवी प्रतिमाओं का आर्डर लेकर आ रहे है। इससे यह लगता है कि यह सभी को मूर्तियां दे भी नहीं पाएगा। मूर्तिकार मनोज ने बताया कि अभी तक उसे महोबा, कबरई, खन्ना, बांदा, हमीरपुर, कुरारा, घाटमपुर, कानपुर एवं जालौन से मूर्तियों के आर्डर मिले हैं। इसके अलावा कस्बा सहित आसपास के गांवों में 50 से अधिक मूर्तियां देनी हैं। जिसकी तैयारियों में वह दिन रात जुटा है। बताया कि गायत्री तपोभूमि से चिकनी मिट्टी लाकर, धान के पयार, जूट के बोरे व वाटर कलर के सहयोग से मूर्तियां निर्मित की जा रही है। मूर्ति निर्माण में संजय कुमार पीके, अमिताभ, ज्ञान ¨सह आदि सहयोग कर रहे हैं।