कथा सुनने से दूर हो जाते हैं पाप
संवाद सहयोगी, राठ : भगवान राम की कथा सुनने मात्र से ही सारे पाप धुल जाते हैं। कस्बे में कह
संवाद सहयोगी, राठ : भगवान राम की कथा सुनने मात्र से ही सारे पाप धुल जाते हैं। कस्बे में कहीं भी श्रीमद् भागवत कथा हो अवश्य सुनने जाएं। यह बात स्थानीय जलविहार मंच पर चल रही श्रीराम कथा के सातवें दिन पंडाल में आए अपर जिलाधिकारी हमीरपुर कुंज बिहारी अग्रवाल ने श्रोताओं से कही। वहीं बाल प्रभु प्रिया रामायणी ने भगवान श्रीराम वन गमन की कथा का श्रवणपान कराया।
गंगा पार की कथा सुनाते हुए प्रभु प्रिया जी कहतीं हैं कि गंगा किनारे पहुंच कर राम जी केवट से कहते हैं कि हे निषाद राज अपनी नौका ले आओ जिससे हम गंगा पार जा सकें। भगवान राम के वचन सुनकर केवट हाथ जोड़ कर कहने लगा कि हे प्रभु में आपका मरम जानता हूं। आप वहीं हैं न जिनकी चरण धूलि से एक पत्थर की सिला नारी बन गई। प्रभु मेरी नाव तो लकड़ी की है, यदि आपकी चरण रज से यह नारी बन गई तो मैं तो भूखों ही मर जाऊंगा। क्योंकि मेरे परिवार के भरण पोषण के लिये एकमात्र यही नाव मेरा सहारा है। यदि आप मेरी नौका से गंगा पार जाना ही चाहते हैं तो पहले में आपके चरण धोऊंगा तब नौका पर बैठने दूंगा। प्रभु श्री राम की आज्ञा पाकर केवट ने उनके चरण पखारे तथा बड़े ही आदर से अपनी नौका पर बैठा कर भगवान श्री राम, माता सीता तथा भ्राता लक्ष्मण को गंगा पार कराया। भगवान श्रीराम ने केवट को उतराई के रूप में माता सीता की अंगूठी देनी चाही तो केवट ने उसे लेने से मना कर दिया। केवट ने कहा कि प्रभु यदि आप उतराई ही देना चाहते हैं तो जिस तरह मैंने आपको गंगा पार कराया, उसी तरह आप मुझे भवसागर से पार कर देना। शुक्रवार को अपर जिलाधिकारी कुंज बिहारी अग्रवाल हमीरपुर, के.जी. अग्रवाल, रमेशचन्द्र सर्राफ, नीरज अग्रवाल, आदि मौजूद रहे।