जिला अस्पताल में बायो मेडिकल वेस्ट प्रबंधन के पर्याप्त इंतजाम
जागरण संवाददाता, हमीरपुर : मुख्यालय स्थित जिला अस्पताल में बायो मेडिकल वेस्ट प्रबंधन के पर्याप्त इ
जागरण संवाददाता, हमीरपुर : मुख्यालय स्थित जिला अस्पताल में बायो मेडिकल वेस्ट प्रबंधन के पर्याप्त इंतजाम किए गए हैं। यहां पर इमरजेंसी रूम सहित सभी ओपीडी व वार्डो के पास पीले, लाल व नीले डस्टबिन रखे गए हैं। जिनका प्रयोग भी किया जा रहा है। वहीं मरीजों के द्वारा इन डस्टबिनों का प्रयोग नहीं होने से कुछ स्थानों में गंदगी फैली रहती है।
उत्तर प्रदेश हेल्थ सिस्टम स्ट्रेन्थ¨नग परियोजना के अंतर्गत जिला अस्पताल में बायो मेडिकल वेस्ट प्रबंधन के इंतजाम हैं। मगर मरीजों को इसकी सही जानकारी न होने पर कहीं न कहीं इस परियोजना में पानी फिरता नजर आ रहा है। अस्पताल के कर्मचारी तो नियमों का पालन कर रहे हैं मगर मरीज व उनके तीमारदार इन सब चीजों से अनभिज्ञ हैं। जिला अस्पताल के महिला व पुरुष दोनों ही अस्पताल में अलग अलग तीनों डस्टबिनों की व्यवस्था की गई है। पुरुष अस्पताल के इमरजेंसी रूम के अलावा माइनर ओटी, प्लास्टर रूम सहित समस्त चिकित्सकों के कक्षों में यह व्यवस्था है ताकि कोई भी वेस्ट चीज सार्वजनिक स्थान पर न फेंकी जाए। इसके लिए एक सुपरवाइजर भी लगाया गया है।
अस्पताल में स्थापित है जैव चिकित्सा अपशिष्ट कक्ष
अस्पताल से निकलने वाले वेस्ट चीजों को सुरक्षित स्थान में रखने के लिए एक जैव चिकित्सा अपशिष्ट कक्ष भी तैयार किया गया है। जिसमें सारे अपशिष्ट रखे जाते हैं और कानपुर से आने वाले वाहन में इन्हें बाहर भेज दिया जाता है। इसके लिए तीन कमरे भी बनाए गए हैं। जिनमें अलग अलग लाल, पीले व नीले डस्टबिनों में फेंका गया वेस्ट आइटम रखा जाता है।
किस तरह से करें डस्टबिनों का प्रयोग
अस्पताल में वेस्ट पदार्थो के लिए लाल, नीले व पीले डस्टबिनों को रखा गया है। मगर स्वास्थ्य कर्मियों के अलावा और कोई इनके प्रयोग के बारे में नहीं जानता है। लिहाजा लोग अपनी मनमानी करते हैं। लाल डस्टबिन में प्लास्टिक सि¨रज, प्लास्टिक बैग, दस्ताने आदि फेंकने का नियम है। इसी तरह से नीले में कांच की बोतलें, इस्तेमाल की गई टेस्ट ट्यूब, टूटी दवाइयों की शीशियां आदि फेंकी जाती हैं। वहीं पीले डस्टबिन में प्लास्टर, रक्त से भरी चादरें, मानव अंग, प्ले सेट आदि फेंके जाते हैं। इन बिनों में फेंके गए सामान को कक्ष में रखा जाता है।