जलाशयों व नालों में अतिक्रमण बन रहा जल निकासी में बाधक
जागरण संवाददाता हमीरपुर आए दिन जरा सी बारिश से नगरीय क्षेत्र की सड़कों व गलियों में
जागरण संवाददाता, हमीरपुर : आए दिन जरा सी बारिश से नगरीय क्षेत्र की सड़कों व गलियों में होने वाला जलभराव आम बात है। इसके पीछे का कारण बढ़ती आबादी व जल निकासी को बने जलाशयों व नालों में होने वाला अतिक्रमण है। सीमा विस्तार होने के बाद जल निकासी की पुरानी व्यवस्थाएं व अधूरे पड़े छोटे नाले भी जिले की 2.10 लाख शहरी आबादी की परेशानी का सबब बन रहा है।
जिले में सात नगरीय निकाय हमीरपुर, मौदहा, राठ, सुमेरपुर, कुरारा, सरीला व गोहांड है। इनमें हमीरपुर, मौदहा व राठ को नगर पालिका का दर्जा प्राप्त है। जबकि सुमेरपुर, कुरारा, सरीला व गोहांड को नगर पंचायत का। इनमें करीब 2.10 लाख आबादी रहती है। इसे बारिश के दौरान जलभराव की दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। नगर पालिकाओं में हमीरपुर की बात करें तो वर्ष 2016 में हुए परिसीमन में निकट के छह गांवों को जोड़ा गया था। इसके बाद इसका क्षेत्रफल 3.89 वर्ग किमी से बढ़कर 26.69 वर्ग किमी हो गया और आबादी भी 32046 से बढ़कर 54830 हो गई। इसके लिए जल निकासी की वहीं पुरानी व्यवस्थाएं के वाले स्थानों में दो दशक पूर्व तीन पक्के नालों का निर्माण कराया गया था। इनमें एक बेतवा नदी में बड़े देव बाबा के स्थान में नदी में गिरता है। दूसरा यमुना घाट में और तीसरा कालपी चौराहा से होकर गौरा देवी की ओर जाता है। मौजूदा में यह नाला अतिक्रमण की चपेट में है। इससे नाले की साफ सफाई नहीं हो पाती और उसमें भरे कचड़े से जल निकासी नहीं हो पाती। हालांकि यमुना बेतवा किनारे बसी नगर पालिका का स्ट्रक्चर ढाल दार होने से कुछ हिस्से में ही जल भराव की समस्या आती है। इनमें पुराना एआटीओ कार्यालय के आस पास का क्षेत्र, मेरापुर, डाक घर व पुलिस लाइन व कांशीराम कॉलोनी शामिल है। वहीं विवेक नगर मोहल्ले में अधूरे पड़े नाले के कारण समस्या आती है।
चेयरमैन कुलदीप निषाद के अनुसाद नगर में जल निकासी की कोई विशेष समस्या नहीं है। कुछ निचले स्थानों पर थोड़ी बहुत देर को पानी रुकता है फिर निकल जाता है। ज्यादातर स्थानों पर छोटे बड़े नाले बने है और जहां नहीं बने है वहां बनवाए जा रहे है। नाकाफी साबित हो रहे छोटे बड़े नाले
नगर पालिका मौदहा में आबादी का घनत्व बढ़ा है। साथ ही कुछ गांवों को परिसीमन में नगर पालिका क्षेत्र में शामिल किया गया है। परिसीमन का मामला हाईकोर्ट में विचाराधीन होने के कारण जल निकासी को किए जाने वाले प्रयास नहीं हो पा रहे। आठ वर्ग किमी से बढ़कर 11.03 वर्ग किमी हुए सीमा विस्तार के बाद यहां की आबादी भी बढ़ी है। जल निकासी को बने 13 छोटे व 17 बड़े नाले अतिक्रमण व स्ट्रक्चर के चलते नाकाफी साबित हो रहे है। 15.89 से 18.26 वर्ग किमी बढ़ा राठ का रकबा
कस्बे से सटे अतरौलिया गांव नगर पालिका की सीमा में परिसीमन होने पर रकबा 15.89 से बढ़कर 18.26 वर्ग किमी हो गया। इसकी जल निकासी की व्यवस्था दस वर्ष पूर्व बनाए गए 20 नालों पर थी। हालांकि आबादी को ध्यान में रख नौ नालों का और निर्माण कराया गया है। नगर पालिका के ईओ केके मिश्रा का कहना था कि जनसंख्या वृद्धि और आबादी बढ़ने के साथ ड्रेनेज सिस्टम को दुरुस्त किया जा रहा है।