इंटरलाकिंग के कार्य में बाधा न पहुंचाएं, वरना कार्रवाई
मलीला मैदान (सब्जी मंडी) के मामले को लेकर उपजिलाधिकारी सुरेंद्र कुमार सिंह ने दोनों पक्षो को बुलाकर
इंटरलाकिंग के कार्य में बाधा न पहुंचाएं, वरना कार्रवाई
- रामलीला मैदान के सुदंरीकरण को लेकर था विवाद
- एक वर्ष से पड़ी सामग्री भी हो चुकी थी गायब
मौदहा : एक दशक से अधिक समय से विवादों में रहा रामलीला मैदान (सब्जी मंडी) के मामले को लेकर उपजिलाधिकारी सुरेंद्र कुमार सिंह ने दोनों पक्षों को बुलाकर बात की। राजस्व विभाग की पांच सदस्यीय टीम बनाकर विवादित भूमि की नाप करवाई और दोनों पक्षों को संतुष्ट कर विवाद का निस्तारण करा दिया।
कस्बे में कोतवाली के ठीक सामने रामलीला मैदान में सब्जी की दुकानें लगाकर सब्जी बेचा करते थे। सरकार के आदेश के बाद प्रशासन ने उसे खाली करा दुकानों को गल्ला मंडी में स्थापित करा दिया था। इसके बाद तत्कालीन विधान परिषद सदस्य रमेश मिश्रा ने अपनी निधि निर्गत कर रामलीला मैदान में इंटरलाकिंग कराने के लिए धन ग्रामीण अभियंत्रण विभाग को दिया था। जिसपर ठेकेदारों की ओर से सामग्री डाल जैसे ही कार्य शुरू कराया। तभी एक बार फिर कस्बे के एक कांग्रेसी नेता ने अपना मालिकाना हक जता अपनी जमीन का दावा करते हुए कार्य रुकवा दिया। जिस पर एक वर्ष से ऊपर हो जाने के बाद भी कार्य नहीं हो सका और ठेकेदारों की ओर से डलवाई गई सामग्री भी लोगों ने गायब कर दी गई।
विभाग द्वारा गुरुवार के दिन पत्र जारी कर उपजिलाधिकारी से हस्तक्षेप कर कार्य को पूर्ण कराए जाने की मांग की थी। जिस पर उप जिलाधिकारी ने देर न करते हुए तत्काल प्रभाव से दोनों ही पक्षों ठेकेदारों व चेयरमैन रामकिशोर, ईट भट्टा उद्योग के अध्यक्ष अनिल अग्रवाल, रामलीला कमेटी के अध्यक्ष उमाशंकर मधुपिया, ग्राम अभियंत्र विभाग के अवर अभियंता अनूप कुमार मिश्रा सहित दर्जनों लोगों को कोतवाली बुलाकर सभी मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की। उप जिलाधिकारी ने निर्णय लेते हुए पांच सदस्य टीम बनाकर रात में ही रामलीला मैदान की नाप कराए जाने के लिए आदेश दिया। निर्णय हुआ की इंटरलॉकिंग का कार्य संपूर्ण रूप से कराया जाएगा और जिस भूमि का विवाद कांग्रेसी नेता द्वारा किया जा रहा था वह भूमि पहले ही आसपास के लोगों ने कब्जा कर मकान बना लिए हैं। जिस जमीन पर वह दावा कर रहे हैं वह जमीन उनकी नहीं है। इसलिए इंटरलाकिंग व सुंदरीकरण के कार्य में किसी तरह की कोई बाधा न पहुंचाई जाए। यह भी कहा कि यदि सरकारी काम में कोई भी किसी तरह की बाधा उत्पन्न करेगा तो उसके साथ कानूनी कार्रवाई अमल में भी लाई जाएगी।