कांशीराम कॉलोनी से मोह भंग, मांग रहे हैं प्रधानमंत्री आवास
लाभार्थियों का मोह कालोनी से टूटता जा रहा है। अब
जागरण संवाददाता, हमीरपुर : विभिन्न समस्याओं के चलते कांशीराम आवासों से लाभार्थियों का मोह भंग हो रहा है। अब वह प्रधानमंत्री आवास पाने के लिए कॉलोनी कैंसिल कराने की कोशिश में लगे हैं। ऐसे एक दर्जन लाभार्थियों ने डूडा में प्रार्थना पत्र दिया है वहीं जिले में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 10 हजार से अधिक लाभार्थियों के आवास स्वीकृत हुए हैं।
गरीबों को निश्शुल्क आवास मुहैया कराने के लिए बसपा शासन में जिले के सभी सातों निकायों में तीन मंजिला आवास बनवाए गए थे। जिसमें मुख्यालय को छोड़कर अन्य सभी स्थानों पर बने आवासों की कई कॉलोनियां अभी भी खाली पड़ी है। शुरुआत में तो कॉलोनी पाने को खासी भीड़ रही लेकिन शहरी प्रधानमंत्री आवास योजना आने के बाद लोग इससे मुंह फेर रहे हैं। ऐसे आवेदक जिनके पास 30 वर्ग फीट जमीन उपलब्ध है वह प्रधानमंत्री आवास बनवाना चाह रहे हैं। वहीं पहले से कांशीराम कॉलोनी पा चुके लाभार्थी अब इसे कैंसिल कराने के प्रयास में है। पीओ डूडा सुधीर कुमार ने बताया कि अब तक एक दर्जन प्रार्थना पत्र आ चुके हैं। कॉलोनी होने की वजह से उन्हें प्रधानमंत्री आवास नहीं मिल पा रहा है तो कांशीराम कॉलोनी को वह कैंसिल कराना चाह रहे हैं लेकिन यह संभव नहीं है।
4296 आवासों का शुरू हुआ निर्माण
जिले में 8019 प्रधानमंत्री आवास स्वीकृत हुए थे, जिनमें 4296 लाभार्थियों ने प्रथम किस्त मिलने के बाद आवास निर्माण शुरू कर दिया है वहीं 2335 लाभार्थियों को दूसरी किस्त दे दी गई है। निर्माण पूरा कराने वाले 1124 लाभार्थियों को सभी किस्तें दी जा चुकी है।
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प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी के तहत पात्रता को देखते हुए 2210 आवास स्वीकृत कर मांग पत्र शासन को भेजा गया है। योजना के तहत लाभार्थी को ढाई लाख रुपये का अनुदान दिया जाता है जिसमें नक्शे के हिसाब से लाभार्थी अपने आवास का निर्माण करा सकता है। इसके लिए लाभार्थी के पास 30 वर्गफीट जमीन होना जरूरी है। मौजूदा में आवास निर्माण तेजी से चल रहा है।
सुधीर कुमार, पीओ डूडा