प्रसूता को देर से किया रेफर, रास्ते में मौत
संवाद सहयोगी राठ सरकारी अस्पताल में एक बार फिर लापरवाही का खामियाजा प्रसूता को अपनी ज
संवाद सहयोगी, राठ : सरकारी अस्पताल में एक बार फिर लापरवाही का खामियाजा प्रसूता को अपनी जान देकर चुकानी पड़ी। प्रसूता की हालत बिगड़ने पर अस्पताल स्टाफ ने उसे छह घंटे बाद झांसी रेफर किया। जिससे रास्ते में उसकी मौत हो गई।
कोतवाली क्षेत्र के सुकलहरी गांव निवासी सवल सिंह ने बताया कि वह अपनी 22 वर्षीय पत्नी रीना देवी को प्रसव पीड़ा होने पर सरकारी अस्पताल में गुरुवार सुबह सात बजे भर्ती कराया था। जहां नार्मल डिलीवरी पर दोपहर को बेटे का जन्म हुआ। प्रसव के बाद महिला का रक्तस्राव नहीं रुक सका। अस्पताल स्टाफ ने लापरवाही बरती और उचित इलाज नहीं किया और परिजनों को सामान्य स्थिति होने की बात कही गई। लेकिन शाम ढलते ही रीना की हालत बिगड़ने लगी, तब स्टाफ में बेचैनी हुई और आनन फानन शाम सात बजे उसे झांसी रेफर कर दिया। अस्पताल स्टाफ ने महिला को बेड से बाहर ले जाने के लिए परिजनों को कोई स्ट्रेचर भी नहीं दिया और सवल सिंह पत्नी को गोद में उठाकर गाड़ी तक ले गया। अधिक खून निकलने के कारण प्रसूता ने रास्ते में दम तोड़ दिया। बताया जाता है कि रीना का पहला प्रसव था। परिजनों ने अस्पताल स्टाफ पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए एसडीएम सुरेश कुमार से शिकायत कर कार्रवाई की मांग की है। चिकित्सा प्रभारी डा. आरपी वर्मा ने कहा कि मामले की जानकारी नहीं है।
एक और डाक्टर का स्थानांतरण
वैसे तो सरकारी अस्पताल में डाक्टरों की कमी का रोना वर्षों से है जो भी डाक्टर थे वह भी जाने से नहीं रुके। पहले डा. अमित वर्मा, इसके बाद डा. रवि प्रताप और अब स्त्री रोग विशेषज्ञ डा.एमके वर्मा का भी स्थानांतरण उरई होने से यहां की स्वास्थ्य व्यवस्थाएं प्रभावित हो गई है।