चंद्रमा बन गांव को रोशन कर रहीं 'तारा'
अभय प्रताप ¨सह, हमीरपुर : राह में मुश्किलें तो आई लेकिन कदम नहीं डिगे। एक अबला नारी जिसने प
अभय प्रताप ¨सह, हमीरपुर : राह में मुश्किलें तो आई लेकिन कदम नहीं डिगे। एक अबला नारी जिसने परिवार का भार उठाया, साथ ही सामाजिक दायित्वों का निर्वाह करने में भी पीछे नहीं हटी। उनकी पहल से ग्राम पंचायत विकास कार्यो के साथ सामाजिक सरोकारों को अपनी कार्ययोजना में शामिल कर रही है।
हम बात कर रहे हैं कुरारा क्षेत्र के रिठारी गांव की रहने वाली देवी की। करीब 20 वर्ष पूर्व उनके पति अतर सिंह की मौत हो गई थी। चार बेटियों की जिम्मेदारी उठा पाना भूमिहीन तारा के लिए पहाड़ उठाने से कम न था। मगर, उनके हौसले से राह आसान होती गई। वह तीन बेटियों की शादी कर चुकी हैं और एक बेटी अभी पढ़ रही है। तारा देवी ने स्वयं सहायता समूह बना खुद को स्वावलंबी बनाया। सामाजिक संस्था समर्थ फाउंडेशन से प्रेरित होकर उन्होंने समर्थ नारी संघ का गठन किया। बांदा में ग्राम पंचायत विकास योजना को लेकर चार दिवसीय प्रशिक्षण लिया। जिसके बाद ग्राम प्रधान से मिलकर ग्राम पंचायत विकास योजना में महिला उत्थान के कार्यक्रमों को शामिल कराया। उन्होंने बताया कि प्रशिक्षण में मिली जानकारी के अनुसार हर तीसरी महिला घरेलू ¨हसा व एनीमिया से पीड़ित है, वहीं हर चौथा बच्चा कुपोषण का शिकार है। वर्ष 2011 के आंकड़ों के अनुसार कन्या भ्रूण हत्या के चलते 0 से 6 वर्ष की आयु वर्ग की बच्चियों की संख्या में कमी आई है। इसीलिए उन्होंने जागरूकता कार्यक्रम को कार्ययोजना में शामिल कराया है। पहले गांव में तैयार होने वाली कार्ययोजना में सिर्फ नाली, खड़ंजा व पेयजल आदि को शामिल किया जाता था। मगर, तारा देवी की पहल से ग्राम पंचायत को कार्ययोजना में महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए बाल विवाह, घरेलू ¨हसा, दहेज प्रथा को रोकने संबंधी कार्यक्रम शामिल किए हैं। साथ ही बालिका शिक्षा पर जोर दिया जा रहा है।