गोशालाओं में बंद मवेशियों को 15 घंटे नहीं मिलता पानी
संवाद सहयोगी राठ गोशालाओं में बंद मवेशियों की स्थिति का जायजा लेने के लिए पशुपालन विभा
संवाद सहयोगी, राठ : गोशालाओं में बंद मवेशियों की स्थिति का जायजा लेने के लिए पशुपालन विभाग के संयुक्त निदेशक नोडल अधिकारी ने आधा दर्जन से अधिक गांवों में बनी गोशालाओं को देखा। इनमें बंद मवेशियों को करीब 15 घंटे तक पीने का पानी न मिलने की स्थिति को देखा। निरीक्षण के दौरान जिन गोशालाओं में पचास से कम पशु थे वहां की स्थिति ठीक मिली। परंतु जिनमें पचास से अधिक पशु मिले वहां पर टिनशेड पशुओं की संख्या के आधार पर कम मिले। नोडल अधिकारी ने बताया कि इसकी रिपोर्ट शासन को भेजी जाएगी।
रविवार और सोमवार को पशुपालन विभाग लखनऊ के संयुक्त निदेशक एसएस अली ने गिरवर के पास बनी ओम गोशाला, नगर पालिका परिषद राठ के अलावा सेना, करगवां, सरीला नगर पंचायत, करियारी, बरगवां, मनकहरी, छिबौली, ममना आदि गांवों में बनी गोशालाओं को देखा। बताया कि कुछ गोशालाओं को छोड़कर अधिकांश में मवेशियों के लिए पीने के पानी की कमी मिली। बताया कि शाम को जब मवेशी चर कर गोशालाओं में पहुंचता है तो उसे सीधे बंद कर दिया जाता है। शाम पांच बजे से सुबह 10 बजे के बीच करीब 15 घंटे मवेशी प्यासे रहते हैं। इस दौरान गोशाला की देखरेख करने वाले कर्मचारी ध्यान नहीं देते हैं। सुबह दस बजे के बाद मवेशियों को पानी पिलाया जाता है। नोडल अधिकारी के निरीक्षण के दौरान अधिकांश गोशालाओं में सफाई व्यवस्था नहीं मिली। निरीक्षण के दौरान मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डॉ. अखिलेश कुमार, उपमुख्य पशुचिकित्साधिकारी डॉ. नवल किशोर सचान, डॉ. परमेश्वरी दयाल, डॉ. पुष्पेंद्र जराखर, डा. योगेंद्र सरीला की टीम रही।