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'समर्थ' होने से स्कूल लौट आए होनहार

जागरण संवाददाता, हमीरपुर : कॉपी.. पेसिंल.. रबर.. नहीं है तो भी कोई बात नहीं। स्कूल

By JagranEdited By: Published: Tue, 28 Aug 2018 11:14 PM (IST)Updated: Tue, 28 Aug 2018 11:14 PM (IST)
'समर्थ' होने से स्कूल लौट आए होनहार
'समर्थ' होने से स्कूल लौट आए होनहार

जागरण संवाददाता, हमीरपुर : कॉपी.. पेसिंल.. रबर.. नहीं है तो भी कोई बात नहीं। स्कूल जरूर आना है, क्योंकि यह सारी व्यवस्था अब स्कूल में ही हो गई है। ऐसा हुआ है समर्थ फाउंडेशन, शिक्षक और अभिभावकों के सहयोग से, जिन्होंने जरूरतमंद बच्चों के लिए शिक्षा सहयोग कोष बनाया है। स्टेशनरी के अभाव में जिन बच्चों ने स्कूल से ही मुहं मोड़ लिया, अब वे स्कूल फिर से आने लगे हैं।

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जी हां.. ऐसा होता है विकासखंड कुरारा के कुसमरा गांव स्थित कन्या प्राथमिक विद्यालय में। यहां 116 बच्चे पढ़ते हैं और स्टेशनरी में अभाव में जब 10 बच्चों ने स्कूल आना बंद कर दिया तो उनकी मदद के लिए स्कूल में 28 अक्टूबर 2016 को शिक्षा सहयोग कोष बनाया गया। प्रधानाचार्य जितेंद्र कुमार श्रीवास ने शिक्षा दीप महोत्सव में यह निर्णय लिया कि इस कोष के माध्यम से जरूरतमंद बच्चों को स्टेशनरी उपलब्ध कराई जाएगी। इसके बाद समर्थ फाउंडेशन के देवेंद्र गांधी, ग्राम प्रधान राम अवतार व कई अभिभावकों ने भी बच्चों की मदद करने की ठान ली। अब तक 38 सौ रुपये जुटाकर बच्चों को हर माह पर्याप्त कॉपी, पेसिंल, रबर व कटर उपलब्ध कराया जाता है। इस कोष की वजह से स्कूल छोड़ चुके फिर से स्कूल आने लगे। ऐसे में उनका भविष्य अंधेरे में जाने से बच गया।

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सराहनीय पहल से शिक्षित होंगे बच्चे

यह सराहनीय पहल है। शिक्षक, संस्था और अभिभावकों की पहल जारी रही तो बच्चे शिक्षा से जुड़े रहेंगे।

-सतीश कुमार, बेसिक शिक्षा अधिकारी


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