भू-जल के दुरुपयोग पर होगी कार्रवाई, निगरानी शुरू
अभय प्रताप सिंह हमीरपुर शासन के निर्देश पर जिले में होने वाले भू-जल दोहन
अभय प्रताप सिंह, हमीरपुर
शासन के निर्देश पर जिले में होने वाले भू-जल दोहन पर अंकुश लगाने के प्रयास तेज है। इसके लिए निगरानी व कार्रवाई के लिए डीएम की अध्यक्षता वाली 14 सदस्यीय जिला भूगर्भ जल प्रबंधन परिषद का गठन किया गया है। वहीं नगर, ब्लाक व पंचायत स्तर पर समिति बनाने का काम तेज है। यह टीमें भूगर्भ जल (प्रबंधन व विनियमन) अधिनियम के तहत मनमानी करने वालों पर कार्रवाई करेगी। वहीं, भूगर्भ जल का दोहन करने वालों पर सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
बुंदेलखंड में जल संरक्षण को बढ़ावा देने व होने वाले जल खर्च को कम करने के लिए अटल भूजल योजना लागू की गई है। वहीं, भूगर्भ जल को बर्बाद करने वालों पर कार्रवाई व इस पर निगरानी की भी व्यवस्था की है। शासन ने भूगर्भ जल (प्रबंधन व विनियमन) अधिनियम तैयार कर इसे अमल में लाने को जिला, नगर, ब्लाक व पंचायत स्तर पर समिति गठित करने के निर्देश दिए हैं। ताकि भूगर्भ जल का मनमाने ढंग से प्रयोग करने वालों पर कार्रवाई कर भूगर्भ जल की बर्बादी को रोका जा सके। इसके अनुपालन में डीएम ज्ञानेश्वर त्रिपाठी ने जिला भूगर्भ जल प्रबंधन परिषद का गठन किया है। इसमें वह स्वयं अध्यक्ष, डीडीओ सदस्य सचिव के रूप में शामिल हैं। इसके अलावा विषय विशेषज्ञ के रूप में डॉ. रमेश सिंह प्रधान वैज्ञानिक भूमि एवं जल संरक्षण इंटरनेशनल क्राप्स रिसर्च इंस्टीट्यूट पतनचेरू हैदराबाद को सदस्य के रूप में शामिल किया गया है। वहीं भूगर्भ जल के क्षेत्र में अनुभव रखने वाले गैर सरकारी संस्था से जुड़े व्यक्ति के अलावा 11 और विभागीय अधिकारियों को सदस्य बनाया गया है। डीएम की अध्यक्षता वाली परिषद के कार्य
समय-समय पर परिषद बैठक आयोजित कर सदस्य के रूप में नामित विभिन्न विभागाध्यक्षों से विचार विमर्श करेगा। इसमें बैठक की कार्रवाई का ब्योरा नामित सदस्य सचिव द्वारा दर्ज किया जाएगा। वहीं अंतिम निर्णय समिति के अध्यक्ष के तौर पर जिलाधिकारी द्वारा लिया जाएगा। ग्राम पंचायत, ब्लाक, नगरीय स्तर से प्राप्त शिकायतों में शासन से निर्धारित नियमानुसार दंड दिया जाएगा। भूगर्भ जल दोहन की लेनी होगी अनुमति
जिला विकास अधिकारी विकास मिश्रा ने बताया कि कृषि कार्य को छोड़ अब कोई भी व्यक्तिगत या उद्योगों के लिए भूगर्भ जल का दोहन बिना अनुमति नहीं कर सकेगा। यदि उनके पास पहले से बोरिग है तो उन्हें इसके लिए पंजीयन कराना होगा। जिस पर जिलास्तर पर गठित परिषद अनापत्ति प्रमाण पत्र के साथ अनुमति प्रदान करेगा। वहीं भूगर्भ जल के दुरुपयोग पर दंडित भी करेगा। बताया कि इससे नगरीय क्षेत्र में होने वाली भूगर्भ जल की बर्बादी पर निश्चित रूप से नियंत्रण होगा। बताया कि नगरीय, ब्लाक व पंचायत स्तर पर इससे संबंधित समितियों के गठन की कार्रवाई तेज है। इसे जल्द पूरा कराया जाएगा।