मीरा की नसों में दौड़ा अब्दुल का खून
मीरा की नसों में दौड़ा अब्दुल खालिद की खून जिदगी लौटीमीरा की नसों में दौड़ा अब्दुल खालिद की खून जिदगी लौटीमीरा की नसों में दौड़ा अब्दुल खालिद की खून जिदगी लौटीमीरा की नसों में दौड़ा अब्दुल खालिद की खून जिदगी लौटीमीरा की नसों में दौड़ा अब्दुल खालिद की खून जिदगी लौटीमीरा की नसों में दौड़ा अब्दुल खालिद की खून जिदगी लौटीमीरा की नसों में दौड़ा अब्दुल खालिद की खून जिदगी लौटीमीरा की नसों में दौड़ा अब्दुल खालिद की खून
जागरण संवाददाता, हमीरपुर : हिदू मुस्लिम की एकता की मिसाल पेश करने वाला जनपद हमीरपुर आज भी गंगा-जमुनी की तहजीब कायम किए हुए हैं। यहां पर हिदू-मुस्लिम सभी एक दूसरे के साथी है। इसका जीता जागता उदाहरण उस समय देखने को मिला। जब जिला अस्पताल में भर्ती एक हिदू महिला मीरा के लिए मुस्लिम भाई अब्दुल खालिद ने आगे आकर रक्तदान किया और उसकी जिदगी बचाई।
कस्बा सुमेरपुर के इमिलिया मोहल्ला निवासी सिद्धगोपाल की पत्नी मीरा छत से गिर गिर गई थी। इससे काफी खून निकल गया था। उसके शरीर में खून की कमी होने पर चिकित्सकों ने तत्काल ब्लड चढ़ाने की सलाह दी। जब परिजनों को ब्लड सेंटर से निराशा हाथ लगी तो उन्होंने यह समस्या चेयरमैन के छोटे भाई अशोक निषाद से साझा की। जैसे ही अशोक निषाद को सूचना मिली। उन्होंने ब्लड डोनर ग्रुप में इस मैसेज को वायरल कर दिया और महिला को खून उपलब्ध कराने की मदद मांगी। मैसेज वायरल होते ही मौदहा के कजियाना मोहल्ला निवासी अब्दुल खालिद तत्काल साथियों संग अस्पताल पहुंचे और ओ पॉजिटिव ब्लड देकर महिला की जान बचाने का काम किया। इस मौके पर उनके साथ अशोक निषाद व जिगराम सिद्दीकी भी मौजूद रहे। जिसने भी इस पुण्य कार्य के बारे में सुना उसने ही इसकी तारीफ की।