जिले में 5544 प्रवासियों को मिला मनरेगा का सहारा
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अभय प्रताप सिंह, हमीरपुर
जिले में रह रहे व प्रवासियों को रोजगार दिलाने में मनरेगा योजना सहायक साबित हो रही है। योजना के तहत काम मांगने वाले 35504 मजदूरों के सापेक्ष 43632 लोगों को कुल 3.38 लाख का काम दिया गया है। काम पाने वालों में 5544 प्रवासी मजदूर भी शामिल हैं।
कोरोना के चलते शहरों व महानगरों फंसे लोग पलायन कर घर लौट रहे हैं। इसके चलते शासन के सामने इन प्रवासियों को गांव स्तर पर रोजगार मुहैया कराने की समस्या आ गई है। शासन जहां अकुशल मजदूरों को मनरेगा के तहत रोजगार मुहैया कराने को प्रयासरत हैं। वहीं अन्य लोगों को विभिन्न योजनाओं के तहत रोजगार व स्वरोजगार मुहैया कराने की कवायद शुरू की गई है। जिले में अब तक 15 हजार 454 प्रवासियों की घर वापसी हुई है। जिनमें 9390 लोग 18 वर्ष से कम व 65 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के हैं। जिन्हें योजना के तहत काम नहीं दिया जा सकता। वहीं कुछ प्रवासी मौजूदा में होम क्वारंटाइन चल रहे हैं। इन्हें भी काम नहीं दिया जा रहा। इसके बाद शेष 5544 प्रवासियों को योजना के तहत काम दिया गया है। प्रभारी डिप्टी कमिश्नर मनरेगा चित्रसेन सिंह ने बताया कि जिले में कुल एक लाख 64 हजार 370 जॉब कार्ड धारक मजदूर हैं। इनमें 85970 सक्रिय हैं। जो योजना के अंतर्गत काम करते हैं। बताया कि मौजूदा में उनके पास अब तक 35504 जॉबकार्ड धारकों द्वारा काम की मांग की गई है। इसके सापेक्ष 43632 मजदूरों को 21 अप्रैल से अब तक तीन लाख 38 हजार 212 दिनों का काम दिया गया है। बताया कि 17 हजार नए जॉबकार्ड प्रिट करा ब्लॉक कार्यालयों को भेजे गए है। ताकि प्रवासियों की मांग पर उनके तत्काल जॉबकार्ड बनाए जा सके। पौधारोणण में भी मिलेगा रोजगार
प्रभारी डीसी मनरेगा ने बताया कि वर्षा से पूर्व पौधरोपण अभियान के लिए भी स्थान का चयन किया जा रहा है। बताया कि ग्राम्य विकास विभाग को जिले में 13 लाख 27 हजार 500 पौधे लगवाने का लक्ष्य दिया गया है। इसमें जॉबकार्ड धारकों को गड्ढा खोदाई का काम दिया जाएगा।