नहीं सुन रही पुलिस, दुष्कर्म का प्रयास करने वाले शोहदों ने युवती के घर में लगाई आग
पड़ोसी युवकों ने युवती के घर को आग लगा दी। एक साल पहले उन्हीं युवकों ने सामूहिक दुष्कर्म का प्रयास किया था। पुलिस कुछ नहीं कर रही है।
गोरखपुर, जेएनएन। दिन दहाड़े सामूहिक दुष्कर्म का प्रयास करने वाले आरोपितों ने युवती के घर में ही आग लगा दी। यह संयोग ही था कि गांव वाले पहुंच गए और परिवार के सभी सदस्य बच गए। अन्यथा सभी की मौत हो जाती। पुलिस पूरे मामले में मूक दर्शक बनी हुई है। युवती ने रोते हुए कहा कि लगता है कि अब गांव छोड़कर बीमार पिता और दिव्यांग बहन के साथ कहीं और जाना पड़ेगा। यहां की पुलिस मदद नहीं कर रही है। गांव के लोग कब तक मदद करेंगे।
यह दर्दभरी कहानी सिद्धार्थनगर जिले के सदर थाना क्षेत्र का है। 22 वर्षीय युवती के घर के पिछले हिस्से में शोहदों ने गुरुवार की रात रखे कबाड़ व लकड़ी में आग लगा दी। घटना के बाद युवती के परिजन दहशत में है। अभी भी पुलिस के पास एक वर्ष पूर्व युवती के साथ हुए दिनदहाड़े सामूहिक दुष्कर्म के प्रयास की मामले की जांच लंबित है।
पीड़ित युवती ने पुलिस को बताया कि सड़क के दोनों तरफ उसका आवास है। घर में वह अपने अस्वस्थ बुजुर्ग पिता व दिव्यांग बहन के साथ रहती है। कोई भाई नहीं है। पड़ोसी के पुत्र हमेशा परेशान करते रहते हैं। सड़क के दूसरे मकान में उसकी दुकान है। दुकान में वही बैठती है। 10 जनवरी 2018 को दुकान में अकेला देख पड़ोसी के पुत्र और उसके साथियों ने दुष्कर्म का प्रयास भी किया था। इस संबंध में पुलिस को सूचना दी गई। पुलिस को बताया गया कि पिता बीमार और बुजुर्ग है। एक बहन है तो वह भी दिव्यांग है। अपनी पीड़ा सुनाने के बाद भी पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। यही कारण है कि उनका हौसला और बढ़ गया है।
युवती का कहना है कि गांव वाले कब तक उसकी इज्जत और जान बचाएंगे। युवती ने फफक कर कहा कि युवकों की गंदी हरकतों से आजिज होकर घर छोड़ना पड़ जाएगा। रात को घर के पीछे रखे लकड़ी में आग लगा दी। मोहल्ले वालों ने किसी प्रकार आग पर काबू पाया। 100 नंबर पर सूचना दी तो पुलिस पहुंची। इस संबंध में एसओ सदर शमशेर बहादुर ¨सह ने कहा कि मौके पर पुलिस गई थी। दोनों पक्षों के बीच पहले से विवाद चल रहा है। समाधान दिवस पर दोनों पक्षों को बुलाया गया है।