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आप भी जानें-ऐसी है फर्टिलाइजर गो-संरक्षण केंद्र की व्‍यवस्‍था, ठंड से बचाव का इंतजाम भी नहीं Gorakhpur News

फर्टिलाइजर स्थित गो संरक्षण केंद्र बदहाल है। यहां भूख से पशु तड़प रहे हैं। भूसा खाने के लिए बनाया गया नाद टूटा है। केंद्र में प्रवेश करने के साथ ही बदहाली दिखने लगती है।

By Satish ShuklaEdited By: Published: Mon, 09 Dec 2019 09:00 PM (IST)Updated: Mon, 09 Dec 2019 09:00 PM (IST)
आप भी जानें-ऐसी है फर्टिलाइजर गो-संरक्षण केंद्र की व्‍यवस्‍था, ठंड से बचाव का इंतजाम भी नहीं Gorakhpur News
आप भी जानें-ऐसी है फर्टिलाइजर गो-संरक्षण केंद्र की व्‍यवस्‍था, ठंड से बचाव का इंतजाम भी नहीं Gorakhpur News

गोरखपुर, जेएनएन। शहर के दो पशु आश्रय स्थलों में एक की व्यवस्था ठीक है तो दूसरे की बहुत ही खराब। महेवा स्थित कान्हा उपवन में पशुओं के लिए दाना-भूसा की समुचित व्यवस्था है लेकिन फर्टिलाइजर स्थित गो संरक्षण केंद्र बदहाल है। यहां भूख से पशु तड़प रहे हैं। भूसा खाने के लिए बनाया गया नाद टूटा है।

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ठंड से बचने के उपाय नहीं, भूसा की क्‍वालिटी भी खराब

जानकारी के अनुसार फर्टिलाइजर गो संरक्षण केंद्र में प्रवेश करने के साथ ही बदहाली दिखने लगती है। पशुओं को रखने के लिए शेड बना है लेकिन उन्हें ठंड से बचाने के लिए कोई इंतजाम नहीं किया गया है। ठंड भरी रातों में पशु खुले में रहते हैं। भूसा की क्वालिटी अच्‍छी नहीं है तो दाना व चोकर की मात्रा पशुओं के लिए पर्याप्त नहीं है।

कान्हा उपवन की व्यवस्था सुचारु रखने के लिए गठित कमेटी के चेयरमैन व नगर निगम कार्यकारिणी के उपसभापति बृजेश सिंह छोटू ने कहा कि कान्हा उपवन में पशुओं के लिए सभी इंतजाम कर लिए गए हैं। फर्टिलाइजर गो संरक्षण केंद्र में जो कमियां हैं उन्हें दूर कराया जाएगा।

यहां पर मात्र सात बेसहारा

फर्टिलाइजर गो संरक्षण केंद्र में वर्तमान में सात पशुओं को रखा गया है। कुछ दिनों पहले एक पशु की मौत हुई थी। उसकी आंखें कौवों ने फोड़ दी थी। पशुओं को भूसा और दाना देने में यहां हद दर्जे की लापरवाही नजर आ रही है।

तड़प रहा है एक पशु

फर्टिलाइजर गो संरक्षण केंद्र में एक पशु तड़प रहा है। पशु एक जगह बैठ गया है। केयर टेकर ने उसके ऊपर प्लास्टिक डाल दिया है लेकिन उसके इलाज और खानपान की व्यवस्था ठीक से नहीं की गई है।

कान्हा उपवन में बांधा गया तिरपाल

महेवा स्थित कान्हा उपवन में पशुओं के लिए किए गए इंतजाम अ'छे हैं। यहां ठंड से पशुओं को बचाने के लिए शेड के चारो और तिरपाल बांध दिया गया है। कान्हा उपवन परिसर में जलभराव खत्म होने के बाद अब पशुओं को दिन में छोड़ दिया जाता है। 


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