योगी की विजय शोभायात्रा में उमड़ा जनसैलाब
गोरखपुर (जेएनएन)। विजयादशमी के अवसर पर गोरखनाथ मंदिर से निकलने वाली गोरखपीठाधीश्वर की परं
गोरखपुर (जेएनएन)। विजयादशमी के अवसर पर गोरखनाथ मंदिर से निकलने वाली गोरखपीठाधीश्वर की परंपरागत विजय शोभा यात्रा शुक्त्रवार की शाम श्रद्धा, भक्ति और हर्षोल्लास के वातावरण में धूमधाम से निकली। शोभा यात्रा में बतौर मुख्यमंत्री गोरक्षपीठाधीश्वर की गद्दी पर सवार योगी आदित्यनाथ को देखने के लिए सड़क के दोनों किनारें खड़ी श्रद्धालुओं की भारी भीड़ लगी रही। गोरखनाथ मंदिर से लेकर गंतव्य स्थान मानसरोवर मंदिर और फिर रामलीला मैदान तक सड़कों और छतों पर खड़े लोगों ने पुष्प वर्षा से न केवल शोभायात्रा का स्वागत किया बल्कि अभिवादन के लिए भी बेताब दिखे। अनवरत गूंज रहे जयकारे के बीच धीरे-धीरे बढ़ता योगी का रथ यात्रा को भव्यता प्रदान कर रहा था।
शोभा यात्रा की शुरुआत निर्धारित समय पर शाम चार बजे हुई। यात्रा में सबसे आगे हनुमान अखाड़े के लोग चल रहे थे, उनके पीछे श्रद्धालुओं का समूह जय श्रीराम और नाथ संप्रदाय का जयकारा लगाते हुए आगे बढ़ रहा था। इस क्रम में हनुमान जी की प्रतिमा भी शोभा यात्रा में सभी को सिर झुकाकर श्रद्धा व्यक्त करने के लिए मजबूर कर रही थी। उनके बाद लाठी खेलते बच्चे सभी के आकर्षण का केंद्र थे। हालाकि इन सबके बीच सबकी निगाहें योगी को ही तलाश रही थीं। क्रमबद्ध ढंग से जैसे ही योगी का रथ सड़क पर खड़े लोगों के पास पहुंच रहा था, लोग के चेहरे खिल जा रहे थे। कोई प्रणाम कर रहा था तो कोई अभिवादन के लिए हाथ उठा रहा था। योगी भी हर किसी को अभिवादन स्वीकार करने के लिए तत्पर थे। विजय शोभा-यात्रा में सन्तों, कार्यकर्ताओं एवं श्रद्धालुओं के हाथ में नाद, ध्वज, दण्ड, परम्परागत अस्त्र-शस्त्र नाथ परंपरा की याद दिला रहे थे। कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच शोभा यात्रा जब मानसरोवर मंदिर पहुंची तो वहा योगी ने भगवान शिव सहित सभी विग्रहों का विधि-विधान से पूजन किया और फिर आरती उतारी। उसके बाद यात्रा अंधियारी बाग रामलीला मैदान पहुंची, जहा गोरक्षपीठाधीश्वर ने भगवान राम का राजतिलक किया। यहा उन्होंने अपने संबोधन में उपस्थित जन समूह से राम के आदर्शो पर चलने का आह्वान किया। उसके बाद यात्रा गोरखनाथ मंदिर वापस लौटी, जहा सहभोज का आयोजन हुआ, जिसमें संतो और ब्राह्माणों के अलावा समाज के सभी वर्ग के लोगों ने हिस्सा लिया।
मंदिर में सुबह से गूंजने लगे घटा-घड़ियाल
विजयादशमी के अवसर पर गोरखनाथ मंदिर में परंपरागत पूजा-अर्चना का सिलसिला शुक्रवार की सुबह से ही शुरू हो गया। गाजे-बाजे के बीच आवाज मन्दिर परिसर में बड़े सबेरे से ही गूंजने लगी। सुबह करीब नौ बजे गोरक्षपीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ अपने आवास से निकले और ढोल-ताशों, नगाड़ों और तुरुही की गूंज के बीच साधु संतों के साथ गुरु गोरक्षनाथ के मंदिर पहुंचे। गुरु के शरण मे पहुंचते ही घटा-घडिय़ाल के बीच वेद मंत्रों के स्वर गूंजने लगे। वहा योगी ने करीब पौन घण्टे तक पूरे विधि-विधान से पूजा की। उसके बाद योगी मा दुर्गा के दरबार में गए और उनकी भी आराधना की। फिर उन्होंने बारी-बारी से मन्दिर परिसर में मौजूद सभी देवी-देवताओं की प्रतिमाओं के पास जाकर हाजिरी लगाई। गोशाला में जाकर गो-पूजन भी योगी ने विधि-विधान से किया। पूजन कार्यक्रम सम्पन्न होने के बाद योगी के नेतृत्व में परिसर में ही भव्य जुलूस निकला, जिसमें अस्त्र-शस्त्र के साथ साधु-संतों की मौजूदगी माहौल को भव्य बनाया।
1000 से ज्यादा लोगों ने लगाया योगी को तिलक
विजयादशमी आयोजनों के क्रम में ही दोपहर डेढ़ बजे गोरखनाथ मंदिर के तिलक हाल में परंपरागत तिलकोत्सव कार्यक्रम आयोजित हुआ। दो घटे चले इस कार्यक्त्रम में साधु-संतों समेत 1000 से ज्यादा श्रद्धालुओं ने गोरक्षपीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ को तिलक लगाया। बदले में योगी ने सभी को तिलक लगाकर आशीर्वाद दिया।