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स्पेशल ट्रेनों से घर पहुंचाए जाएंगे ईंट-भट्ठों पर काम करने वाले श्रमिक Gorakhpur News

गोरखपुर में ईंट-भट्ठों पर काम करने वाले श्रमिक स्पेशल ट्रेनों से घर पहुंचाए जाएंगे। डीएम ने भट्ठा संचालकों को पत्र लिखकर श्रमिकों के बारे में जानकारी मांगी है।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Published: Wed, 10 Jun 2020 11:08 AM (IST)Updated: Wed, 10 Jun 2020 01:59 PM (IST)
स्पेशल ट्रेनों से घर पहुंचाए जाएंगे ईंट-भट्ठों पर काम करने वाले श्रमिक  Gorakhpur News
स्पेशल ट्रेनों से घर पहुंचाए जाएंगे ईंट-भट्ठों पर काम करने वाले श्रमिक Gorakhpur News

गोरखपुर, जेएनएन। ईंट-भट्ठों पर काम करने वाले श्रमिकों को श्रमिक स्पेशल ट्रेन से उनके घर पहुंचाया जाएगा। शासन के निर्देश पर जिला प्रशासन ने गोरखपुर ईंट निर्माता समिति के सहयोग से श्रमिकों की सूची बनानी शुरू कर दी है। 15 जून तक शासन को रिपोर्ट भेजनी होगी। 1750 श्रमिक पर एक स्पेशल ट्रेन चलाई जाएगी। सभी श्रमिक आरक्षित श्रेणी से जाएंगे और उसका किराया भट्ठा मालिकों को वहन करना होगा। जिले में करीब 40000 श्रमिक बाहर के हैं।

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1750 श्रमिकों पर चलाई जाएगी एक स्पेशल ट्रेन

बरसात शुरू होने से पहले ईंट भट्ठों पर काम बंद हो जाते हैं। बाहर से आए श्रमिकों को उनके घर पहुंचाने की व्यवस्था भट्ठा मालिकों की ओर से की जाती है। इस वर्ष समय-समय पर बारिश होने के कारण अधिकतर भट्ठों पर इसी समय काम बंद हो चुका है। शासन की ओर से आठ जून को जिलाधिकारियों को पत्र लिखकर इन श्रमिकों को घर पहुंचाने को कहा गया है। मंगलवार से गोरखपुर ईंट निर्माता समिति के सदस्यों के सहयोग से सूची तैयार की जा रही है। सभी तहसीलों में एसडीएम इसकी निगरानी कर रहे हैं।

झारखंड, उड़ीसा, बिहार, छत्तीसगढ़ के लिए चलेगी ट्रेन

श्रमिकों की सूची में उनके नाम, पिता के नाम के साथ उनके राज्य का नाम व पूरा पता भी दर्ज करना होगा। पहली ट्रेन चलाने के लिए सूची तैयार कर ली गई है। यह सूची पूर्वोत्तर रेलवे के मंडल रेल प्रबंधक लखनऊ, उत्तर प्रदेश शासन, बिहार, झारखंड, उड़ीसा व छत्तीसगढ़ के लिए बनाए गए प्रभारियों को ई-मेल से भेजनी होगी।

देनी होगी यह जानकारी

जिले में कितने मजदूर हैं, भट्ठा मालिकों ने पारिश्रमिक का भुगतान कर प्रमाण पत्र लिया या नहीं, कितनी ट्रेनों की जरूरत होगी। ट्रेन के लिए कितनी धनराशि चाहिए और भट्ठा मालिकों की ओर से ट्रेन का किराया भुगतान की स्थिति शासन को बतानी होगी।

सड़क मार्ग से भी जा रहे श्रमिक

यह आदेश आने से पहले ही कई भट्ठा मालिक सड़क मार्ग से श्रमिकों की भेज रहे हैं। इसका खर्च भी उन्हीं की ओर से उठाया जा रहा है। ईंट निर्माता समिति के पदाधिकारियों के अनुसार करीब 30 हजार श्रमिकों को ट्रेन से भेजने की जरूरत होगी।

जिले में ईंट भट्ठों की स्थिति

कुल भट्ठे : 400

प्रति भट्ठे औसत श्रमिक : 100

कितनी श्रमिक स्पेशल ट्रेनों की होगी जरूरत : करीब 17

एक ट्रेन में श्रमिकों की संख्या : 1750

ईंट भट्ठों पर काम करने वाले श्रमिकों को घर भेजने की तैयारी की जा रही है। इसके लिए सूची बनाई जा रही है। सूची के अनुसार श्रमिक स्पेशल ट्रेनें चलाई जाएंगी। - राजेश सिंह, एडीएम वित्त

श्रमिकों को भेजने के लिए श्रमिक स्पेशल ट्रेनों की व्यवस्था करने के लिए प्रशासन की ओर से सूची मांगी गई है। सूची बनाने का काम शुरू हो गया है। सभी जानकारियां उपलब्ध कराई जाएंगी। किराया भट्ठा मालिक देंगे। - अर्जुन वलानी, महासचिव, गोरखपुर ईंट निर्माता समिति।

तीन ट्रेनों से छत्तीसगढ़, झारखंड जाएंगे 5250 कामगार

संत कबीरनगर के ईट भट्ठों पर कार्य करने वाले लगभग 5250 कामगारों को खलीलाबाद रेलवे स्टेशन से तीन अलग-अलग स्पेशल ट्रेनों से 14 व 15 जून को छत्तीसगढ़, झारखंड, उड़ीसा के लिए रवाना किया जाएगा। डीएम रवीश गुप्त खलीलाबाद रेलवे स्टेशन पर इन ट्रेनों को हरी झंडी दिखाकर रवाना करेंगे। ट्रेन किराये का भुगतान भट्ठा मालिक करेंगे। उनकी ओर से जिला ईंट निर्माता समिति के पदाधिकारी सीट आरक्षण कराने के लिए 21 लाख रुपये का चेक जिला प्रशासन को देंगे। जनपद में कुल 142 ईंट भट्ठे हैं। इन भट्ठों पर काफी संख्या में मजदूर कार्य करते हैं। इसमें बिहार, रांची-झारखंड, रायपुर-छत्तीसगढ़, उड़ीसा आदि प्रांतों के लगभग 31 हजार कामगार शामिल हैं। अब बाहरी कामगारों को उनके घर पहुंचाने की पहल हुई है। जिला प्रशासन ने सभी ईंट भट्ठा संचालकों को यह निर्देश दिया कि वे कामगारों की मजदूरी का भुगतान कर दें। इस पर ईंट भट्ठा संचालक जिला प्रशासन के पास इस आशय का शपथ पत्र दे रहे हैं कि उन्होंने सभी कामगारों के पारिश्रमिक का पूरा भुगतान कर दिया है।

जिला प्रशासन को इस आशय का शपथ पत्र दिया जा रहा है कि सभी कामगारों के पारिश्रमिक का पूरा भुगतान कर दिया गया है। तीन ट्रेनों के जरिए कामगारों को उनके घर भेजा जाएगा। - रवि उदय पाल-जिलाध्यक्ष, जिला ईंट निर्माता समिति।

शारीरिक दूरी का पालन कराते हुए ईंट भ_ा के कामगारों को ट्रेन से उनके घर भेजा जाना है। इसकी प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। - रवीश गुप्त, डीएम- संत कबीरनगर



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