बजट में मजदूरों को 36.6 लाख मानव दिवस रोजगार सृजन का लक्ष्य
जिले में मनरेगा योजना मजदूरों के लिए वरदान साबित हो रही है। महिला व पुरुष अपनी आर्थिक समस्या को दूर कर आत्मनिर्भर बन रहे हैं। योजना के चलते गांवों से श्रमिकों का पलायन भी रुक गया है। इन दिनों सरकार भी मनरेगा मजदूरों को लेकर मेहरबान है।
देवरिया: सरकार मनरेगा मजदूरों पर मेहरबान हो गई है। गुरुवार को पेश किए गए बजट में वर्ष 2022-23 में जिले के मजदूरों को 36 लाख 6 हजार मानव दिवस रोजगार दिया जाएगा। इसका पूरा खाका विभाग की तरफ से तैयार कर लिया गया है। इस वित्तीय वर्ष में अभी तक छह लाख मानव दिवस रोजगार भी 32129 परिवारों को दिया जा चुका है।
जिले में मनरेगा योजना मजदूरों के लिए वरदान साबित हो रही है। महिला व पुरुष अपनी आर्थिक समस्या को दूर कर आत्मनिर्भर बन रहे हैं। योजना के चलते गांवों से श्रमिकों का पलायन भी रुक गया है। इन दिनों सरकार भी मनरेगा मजदूरों को लेकर मेहरबान है। इस वित्तीय वर्ष में निर्धारित लक्ष्य को पूरा करने के लिए विभागीय तैयारी पूरी कर ली गई है। आंकड़ों पर नजर दौड़ाएं तो नए वित्तीय वर्ष में छह लाख मानव दिवस कार्य कराया गया है और 13 करोड़ रुपये श्रमिकों को मजदूरी के रूप में भुगतान किया गया है। जिले में 3 लाख 20 हजार मनरेगा मजदूर जहां पंजीकृत हैं, वहीं 181538 श्रमिक सक्रिय हैं और इसमें 1.35 लाख महिला मजदूर पंजीकृत हैं। यह मिलेगा मजदूरों को कार्य मजदूरों को कार्य कराने के लिए कार्य चिह्नित कर लिए गए हैं, जिसमें गांवों में तालाब खोदाई, सड़क निर्माण, आंगनबाड़ी भवन, पंचायत भवन, शौचालय निर्माण, नाली निर्माण, पार्क निर्माण समेत अन्य निर्माण कार्य में इसकी भूमिका होगी और इन्हें रोजगार दिया जाएगा।
जिले में मजदूरों को रोजगार देने का का प्रयास किया जा रहा है। जो सक्रिय श्रमिक नहीं है। उन्हें भी सक्रिय करने के लिए जागरूक किया जा रहा है। निर्धारित लक्ष्य को हर हाल में पूरा किया जाएगा। विजय शंकर राय
उपायुक्त, मनरेगा