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पडोसी देश नेपाल से रोटी-बेटी के साथ ही अब मजबूत होगा सेहत का नाता

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 25 अक्‍टूबर को सिद्धार्थनगर में बीएसए कार्यालय परिसर से नवनिर्मित माधव प्रसाद त्रिपाठी मेडिकल कालेज का लोकार्पण किया है। इसके बाद यह आमजन के लिए शुरू हो गया। मेडिकल कालेज में उच्चस्तरीय चिकित्सकों के तैनाती के लिए शासन प्रयासरत है।

By Navneet Prakash TripathiEdited By: Published: Tue, 26 Oct 2021 07:28 PM (IST)Updated: Tue, 26 Oct 2021 07:28 PM (IST)
पडोसी देश नेपाल से रोटी-बेटी के साथ ही अब मजबूत होगा सेहत का नाता
सिद्धार्थनगर में स्‍थापित माधव प्रसाद त्रिपाठी चिकित्‍सा महाविद्यालय। जागरण

गोरखपुर, जागरण संवाददाता। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 25 अक्‍टूबर को सिद्धार्थनगर में बीएसए कार्यालय परिसर से नवनिर्मित माधव प्रसाद त्रिपाठी मेडिकल कालेज का लोकार्पण किया है। इसके बाद यह आमजन के लिए शुरू हो गया। मेडिकल कालेज में उच्चस्तरीय चिकित्सकों के तैनाती के लिए शासन प्रयासरत है। बेहतर स्वास्थ्य सेवा का लाभ आसपास के जिलों के साथ ही पडोसी देश नेपाल के लोगों को भी मिलेगा। इससे दोनों देशों के बीच सेहत का मजबूत रिश्‍ता बनेगा। नेपाल और भारत के बीच सदियों से चले आ रहे संबंध भी मजबूत होगा। स्वास्थ्य संस्थान खुलने का उत्साह नेपाल में भी दिखाई पड़ा। वहां के लोगों में इसको लेकर उत्सुकता व्याप्त होने लगी है। नेपाल के लोग विशेषज्ञ चिकित्सकों के नाम की जानकारी लेने में जुट गए हैं।

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सदियों पुराना है दोनों देश के बीच का रिश्‍ता

विश्व को शांति, अहिंसा और करुणा का संदेश देने वाले गौतम बुद्ध की जन्मस्थली लुम्बिनी में थी तो उनकी क्रीड़ास्थली कपिलवस्तु (अलीगढ़वा) में। माता महामाया का जन्मस्थान रूपनदेही जिले के देवदह में तो पिता राजा शुद्धोधन की राजधानी कपिलवस्तु में रही। इस तरह से दोनों देशों के बीच सदियों से संबंध परिलक्षित है। दोनों देश के बीच के संबंध को मेडिकल कालेज और भी मजबूती प्रदान करेगा। नेपाल के लोगों को अब बेहतर इलाज के लिए गोरखपुर, लखनऊ, वाराणसी, दिल्ली जैसे महानगरों में जाने की जरूरत नही पड़ेगी। अब उन्हें यहीं पर उच्चस्तरीय स्वास्थ्य सेवा मिलेगी।

क्‍या कहते हैं नेपाल के सीमावर्ती इलाकों में रहने वाले लोग

नेपाल के महिलावार निवासी बच्‍चालाल मोदनवाल कहते हैा कि अच्छी और सस्ती स्वास्थ्य सुविधा की आवश्यकता सबको है। सिद्धार्थनगर में मेडिकल कालेज बन जाने से नेपाल के नागरिकों को भी काफी राहत मिलेगी। पैरालाइसिस की समस्या से पीड़ित होने के कारण मेरा इलाज पिछले कई सालों से लखनऊ के पीजीआई में इलाज चल रहा है। अब यहां पर बेहतर इलाज की आस जगी है।

अब इलाज के लिए लखनऊ जाने की नहीं होगी जरूरत

महिलवार नेपाल की सुभावती देवी कहती हैं कि अल्सर की समस्या से ग्रसित हूं। पिछले कई वर्षों से लखनऊ पीजीआई से इलाज करवा रही हूं। आने-जाने में समय के साथ पैसे का भी काफी नुकसान होता है। अब बार्डर से नजदीक ही मेडिकल कालेज खुलने से समय और पैसे की बचाव के साथ ही बेहतर इलाज की सुविधा मिलेगी।

अनुभवी चिकित्‍सों से इलाज मिलने की उम्‍मीद जगी

परसा, नेपाल के रहने वाले अकरम खान कहते हैं कि नेपाल के बहुत से नागरिक अपना व स्वजन के बेहतर इलाज के लिए भारत के बड़े शहरों में जाते हैं। ह्दय रोग से ग्रसित हूं। इलाज डेढ़ वर्ष से दिल्ली में चल रहा है। वहां आने-जाने में समय के साथ अन्य खर्च भी बढ़ जाते हैं। अब यहां मेडिकल कालेज में बेहतर व अनुभवी चिकित्सकों से इलाज मिलने की आस जगी है।

सिद्धार्थनगर में ही कराऊंगा उपचार

चाकराचौडा, नेपाल निवासी मुरलीधर राय बताते हैं कि ह्दय रोग से ग्रसित हूं। दो वर्ष से लखनऊ के निजी अस्पताल में इलाज करवा रहा हूं। इलाज महंगा होने के कारण आर्थिक स्थिति खराब हो चुकी है। अब यहां मेडिकल कालेज खुल गया है। विशेषज्ञ चिकित्सकों से इलाज कराएंगे। जिससे खर्च कम होगा। आने-जाने में समय भी बचेगा।


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