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सरकारी योजनाओं का लाभ लेने आगे क्‍यों नहीं आते सिख, ईसाई व बौद्ध ? - पता करेंगे अधिकारी Gorakhpur News

अल्पसंख्यकों के उत्थान के लिए चलाई जा रही योजनाओं का लाभ लेने के लिए आवेदन करने वालों में सिख ईसाई बौद्ध और जैन समुदाय की ओर से आवेदन न के बराबर होते हैं। इसको देखते हुए अल्पसंख्यक विभाग इन समुदाय के प्रतिनिधियों से मिलकर आवेदन न करने की वजह पूछेगा।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Published: Sun, 10 Jan 2021 05:30 PM (IST)Updated: Sun, 10 Jan 2021 05:30 PM (IST)
सरकारी योजनाओं का लाभ लेने आगे क्‍यों नहीं आते सिख, ईसाई व बौद्ध ? - पता करेंगे अधिकारी Gorakhpur News
सरकारी योजनाओं का लाभ लेने के लिए सिख, ईसाई व बौद्ध समुदाय से बहुत कम आवेदन आ रहे हैं।

गोरखपुर, जेएनएन। केंद्र व प्रदेश सरकार अल्पसंख्यकों की तरक्की के लिए तमाम योजनाएं चली रही है, लेकिन इसका लाभ हर किसी को नहीं मिल रहा है। शादी अनुदान, छात्रवृत्ति, शैक्षिक ऋण, टर्म ऋण, वित्तीय सहायता, स्कूल एवं छात्रावास आदि योजना के लाभार्थियों की सूची में सिख, ईसाई, जैन व बौद्ध नजर नहीं आते। आंकड़ें बताते हैं कि सभी योजनाओं का लाभ मुस्लिम समुदाय को मिला है। मुसलमानों को छोड़ अन्य अल्पसंख्यक समुदाय योजनाओं का लाभ लेने के लिए आवेदन क्यों नहीं करते इसकी पड़ताल संयुक्त रूप से प्रशासन एवं अल्पसंख्यक विभाग करेगा। उनके प्रतिनिधियों से मिलकर आवेदन करने के लिए प्रेरित करेंगे।

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अल्पसंख्यकों के उत्थान के लिए चलाई जा रही योजनाओं का लाभ लेने के लिए आवेदन करने वालों में ज्यादातर मुसलमान शामिल हैं। सिख, ईसाई, बौद्ध और जैन समुदाय की ओर से आवेदन न के बराबर होते हैं। इसको देखते हुए अल्पसंख्यक विभाग सिख, ईसाई, बौद्ध और जैन समुदाय के प्रतिनिधियों से मिलकर आवेदन न करने की वजह पूछेगा। अगर आवेदन को लेकर कोई समस्या है तो उसका समाधान करने के साथ-साथ सुझाव भी मांगेंगे जाएंगे।

शादी अनुदान

इस योजना के तहत अल्पसंख्यक समुदाय के गरीबी रेखा (वार्षिक आय ग्रामीण क्षेत्र में 46 हजार और शहरी क्षेत्र में 56 हजार) से नीचे जीवन यापन करने वाले अभिभावकों की बेटी की शादी के लिए 20 हजार आर्थिक सहायता दी जाती है। पिछले वित्तीय वर्ष में इस योजना के तहत 329 लाभार्थियों को 65.80 लाख रुपये अनुदान दिया गया था। लाभार्थियों की सूची में सिर्फ मुस्लिम समुदाय के लोग शामिल थे। वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए 110 आवेदन आए हैं उसमें भी मुस्लिम छोड़ अन्य समुदाय के लोग नहीं हैं। इसी तरह पूर्वदशम छात्रवृत्ति योजना, दशमोत्तर छात्रवृत्ति योजना, प्री-मैट्रिक, मेरिट-कम-मीन्स छात्रवृत्ति, टर्म ऋण के लिए भी सिख व ईसाई समुदाय से आवेदन की संख्या न के बराबर है।

योजनाओं का प्रचार-प्रसार करने के बावजूद मुस्लिमों को छोड़कर अन्य अल्पंख्यक समुदाय से आवेदन नहीं आते। ऐसा क्यों हो रहा है इसकी पड़ताल कर उन्हें भी आवेदन करने के लिए प्रेरित किया जाएगा। - आशुतोष पांडेय, जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी।


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