हाईवे की अनियंत्रित रफ्तार पर आखिर कौन लगाएगा लगाम, थोप रहे एक-दूसरे पर जिम्मेदारी Gorakhpur News
आए दिन हादसे होने के बाद भी रफ्तार पर लगाम लगाने का न तो कोई इंतजाम है और न ही संबंधित विभाग इसकी जिम्मेदारी लेने को तैयार हैं।
गोरखपुर, जेएनएन। हाईवे पर वाहनों की तेज रफ्तार जानलेवा साबित हो रही है। रफ्तार की वजह से गोरखपुर के व्यापारी प्रेम जालान और उनकी पत्नी की बस्ती जिले में सोमवार को हुए हादसे में जान चली गई। आए दिन इस तरह के हादसे होने के बाद भी रफ्तार पर लगाम लगाने का न तो कोई इंतजाम है और न ही संबंधित विभाग इसकी जिम्मेदारी लेने को तैयार हैं। तेज रफ्तार की वजह से हाईवे पर होने वाले हादसों और इस पर लगाम लगाने की जिम्मेदारी के संबंध में पूछे जाने पर एनएचएआइ (भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण) और यातायात पुलिस के अधिकारी अपना पल्ला झाड़ते हुए इसके लिए एक-दूसरे को जिम्मेदार ठहराते रहे। तब जबकि सुरक्षित आवागमन और अन्य कई तरह की सुविधाएं देने के लिए हाईवे से गुजरने वाले वाहनों से हर टोल प्लाजा पर मोटी रकम वसूल की जाती है।
सुविधा देना एनएचएआइ की जिम्मेदारी : एसपी यातायात
हाईवे पर वाहनों की तेज रफ्तार पर लगाम लगाने की जिम्मेदारी के बारे में पूछने पर एसपी यातायात आदित्य प्रकाश वर्मा ने बताया कि इसके लिए कई तरह की मूलभूत सुविधाओं की जरूरत होती है। इसमें सबसे महत्वपूर्ण हाईवे पर इंटरसेप्टर लगाया जाना सबसे जरूरी है। सुविधाएं उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी एनएचएआइ की है। इसके बाद कार्रवाई के लिए हम अपने कर्मचारी तैनात करते हैं। इंटरसेप्टर की मदद से हमारा कर्मचारी वाहनों की रफ्तार पर नजर रखता है और जरूरत पडऩे पर तेज रफ्तार वाहनों का चालान करता है। यदि किसी वाहन को रोकना आवश्यक होता है तो खुद या आगे तैनात यातायात पुलिसकर्मी की मदद से उसे रोकता है। इसके लिए जरूरी मूलभूत सुविधाएं एनएचएआइ के उपलब्ध कराने पर यातायात पुलिसकर्मी तैनात किए जाएंगे।
रफ्तार पर लगाम की यातायात पुलिस की जिम्मेदारी : पीडी एनएचएआइ
हाईवे पर वाहनों की रफ्तार की वजह से आए दिन होने वाले हादसे और उन पर रोक लगाने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाने के संबंध में सवाल करने पर एनएचएआइ के परियोजना निदेशक (पीडी) श्रीप्रकाश पाठक ने कहा कि रफ्तार पर नियंत्रण करना यातायात पुलिस और आरटीओ का काम है। इसके लिए उनके पास संसाधन पहले से उपलब्ध हैं। दूसरी सड़कों पर वे जिन संसाधनों का प्रयोग करते हैं, हाईवे पर भी उन्हीं संसाधनों का इस्तेमाल करना है। इसके लिए अलग से एनएचएआइ को संसाधन मुहैया कराने का कोई प्रावधान नहीं है। जिन राष्ट्रीय राजमार्गों पर इंटरसेप्टर लगाए गए हैं, वहां यातायात पुलिस ने ही लगाया है। यहां के लिए नियम अलग नहीं हो सकता। हादसों को रोकने लिए यातायात पुलिस को आगे बढ़कर प्रयास करना चाहिए।