यह कैसा डायवर्जन ? रोडवेज की बसें शहर से बाहर- डग्गामार बसें शहर की सड़कों पर
गोरखपुर में जाम से निपटने की तैयारी के तहत किया गया रूट डायवर्जन सिर्फ रोडवेज की बसों तक ही सिमट कर रह गया। रोडवेज की बसों का संचालन चंपा देवी पार्क से हुआ। जबकि प्राइवेट बसें प्रतिदिन की भांति रेल म्यूजियम से विश्वविद्यालय चौराहा तक सड़क पर खड़ी रहीं।
गोरखपुर, जागरण संवाददाता। जाम से निपटने की तैयारी के तहत सोमवार को किया गया रूट डायवर्जन सिर्फ रोडवेज की बसों तक ही सिमट कर रह गया। रोडवेज की बसों का संचालन चंपा देवी पार्क से हुआ। जबकि, गोरखपुर से बिहार और सीमावर्ती क्षेत्र तक चलने वाली प्राइवेट (डग्गामार) बसें प्रतिदिन की भांति रेल म्यूजियम से विश्वविद्यालय चौराहा तक सड़क पर खड़ी रहीं। दोपहर बाद प्रशासन को अपनी गलती का अहसास हुआ तो सभी प्राइवेट बसों को विश्वविद्यालय चौराहा के पास बने बस पार्किंग में खड़ा कर दिया।
बस पार्किंग ही स्टैंड बना दिया। डग्गामार बसें दिन भर विश्वविद्यालय चौराहा के पास बने बस पार्किंग से ही संचालित होती रहीं। बिहार जाने वाले यात्रियों को तो परेशानी नहीं हुई लेकिन यूपी की बसों से तमकुही, पडरौना और लार तक की यात्रा करने वाले लोगों को मुश्किलों का सामना करना पड़ा। विश्वविद्यालय चौराहा के पास बने बस पार्किंग के सामने सड़क पर दिन भर जाम की स्थिति बनी रही।
घट गई रोडवेज की आधी कमाई
देवरिया और कुशीनगर से आने वाली बसें चंपा देवी पार्क तथा बड़हलगंज व लखनऊ रूट से आने वाली बसें नौसढ़ में ही रोक दी गई। इसका खामियाजा आम यात्रियों को ही नहीं, परिवहन निगम रोडवेज को भी भुगतना पड़ा। रोडवेज की कमाई करीब आधी घट गई। गोरखपुर बस स्टेशन को जहां प्रतिदिन करीब 18 से 19 लाख की कमाई होती है, वहीं सोमवार को आमदनी का आंकड़ा दस लाख भी नहीं पहुंच पाया। रोडवेज के कर्मचारी और अधिकारी भी यात्रियों को देर रात तक सहेजने में परेशान रहे।
सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक एके मिश्रा के अनुसार रूट डायवर्जन के चलते बसों पर परिवहन निगम का नियंत्रण ही नहीं रहा। शाम को बसों के स्टेशन परिसर पहुंचते ही स्थिति बिगड़ गई। रूट डायवर्जन का असर दो दिन तक रहेगा। दरअसल, बाहर से आने वाली बसें तो भरकर गोरखपुर स्थित चंपा देवी पार्क और नाैसढ़ तक पहुंच जा रही थीं। लेकिन ट्रेन से उतरने वाले यात्री व शहर के लोग न चंपा देवी पार्क पहुंच पाए और न नौसढ़। ऐसे में अधिकतर बसें खाली ही वापस दौड़ती रहीं। यात्री सड़कों पर इधर-उधर भटकते रहे।
लगा रैली में गई हैं बसें
जानकारी के अभाव में बस स्टेशन परिसर पहुंचे अधिकतर यात्रियों को मुश्किलों का सामना करना पड़ा। ट्रेन से उतरकर स्टेशनों पर पहुंचे यात्रियों को समझ में नहीं आ रहा था कि आखिर बसें कहां गई। अधिकतर का मानना था कि बसें रैली में चली गई हैं और वे खड़ा होकर इंतजार कर रहे थे। तमकुही, कुशीनगर, देवरिया, रुद्रपुर, महराजगंज जाने वाले यात्री देर शाम तक परेशान रहे। हालांकि, स्टेशन परिसर में रूट डायवर्जन की जानकारी दी जा रही थी।
रोडवेज कर्मचारियों ने किया रूट डायवर्जन का विरोध
यूपी रोडवेज इंपलाइज यूनियन ने रूट डायवर्जन का विरोध किया है। यूनियन के क्षेत्रीय अध्यक्ष दिनेश मणि मिश्र के नेतृत्व में कर्मियों ने कचहरी बस स्टेशन परिसर में प्रदर्शन किया। क्षेत्रीय अध्यक्ष ने कहा कि लखनऊ, वाराण्सी, प्रयागराज और दिल्ली से गोरखपुर आने वाले यात्रियों को शहर के बाहर ही उतार दिया गया। यात्रियों को जेब ढीली करनी पड़ी और रोडवेज की कमाई भी कम हो गई। प्रशासन को अपने इस निर्णय पर फिर से विचार करना होगा।
सिविल लाइंस क्षेत्र में आज ऐसी रहेगी यातायात व्यवस्था
शास्त्री चौक से आंबेडकर चौकी तरफ यातायात प्रतिबंधित रहेगा।यह यातायात कचहरी चौक, तमकुही तिराहा होते हुये गंतव्य की ओर जायेगा।
आंबेडर चौक से तमकुही की तरफ आने वाला यातायात प्रतिबन्धित रहेगा, यह वाहन शास्त्री चौक व छात्रसंघ भवन की तरफ होते हुए अपने गन्तव्य की ओर जायेगा।
कैंट की तरफ से आने वाले वाहन आंबेडकर चौक से शास्त्री चौक व छात्रसंघ भवन होते हुए गंतव्य की ओर जाएंगे। तमकुही तिराहे की तरफ प्रतिबन्धित रहेंगे।
रेलवे बस अड्डा की तरफ से छात्रसंघ चौराहे की तरफ से आने वाली रोडवेज बसें प्रतिबंधित रहेंगी, यह बसें विश्वविद्यालय चौराहे से मोहद्दीपुर होते हुए गंंतव्य की ओर जायेगी।
नौसढ़ की तरफ से आने वाली रोडवेज की बसें पैडलेगंज से मोहद्दीपुर होते हुए गंतव्य को जायेगी, छात्रसंघ की तरफ प्रतिबंधित रहेगी।
बाल विहार की तरफ से आने वाले सभी प्रकार के वाहन हरिओम नगर से आयकर भवन तिराहा, विश्वविद्यालय मुख्य द्वार होते हुए गंतव्य को जाएंगे।