Move to Jagran APP

यायावर : घर में रहें, बाहर टहल रहा कोरोना Gorakhpur News

पढ़ें गोरखपुर से कौशल त्रिपाठी का साप्‍ताहिक कालम-यायावर...

By Satish ShuklaEdited By: Published: Wed, 15 Jul 2020 05:11 PM (IST)Updated: Wed, 15 Jul 2020 05:11 PM (IST)
यायावर  : घर में रहें, बाहर टहल रहा कोरोना Gorakhpur News
यायावर : घर में रहें, बाहर टहल रहा कोरोना Gorakhpur News

कौशल त्रिपाठी, गोरखपुर। महानगर की हर गली और सड़क पर कोरोना टहल रहा है साहब, इसलिए बहुत जरूरी हो, तो पूरी सुरक्षा के साथ ही घर से बाहर निकलिये। खुद को बचाइये, वरना लापरवाही भारी पड़ सकती है। अनलॉक 2 में शहर के लोगों की चहलकदमी में जबसे तेजी आई है, नागरिकों में सड़क पर कोरोना के टहलने की चर्चाएं भी तेज हो चली हैं। इन चर्चाओं पर गौर करें तो महानगर में हर दिन हर इलाके में मिलने वाले संक्रमितों को अब और नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है। शाहपुर, पादरी बाजार, इस्माइलपुर, रेती रोड, झरना टोला, सिंघडिय़ा, चिलमापुर, बेतियाहाता, रुस्तमपुर आदि इलाके लगातार बिगड़ते हालात की गवाही दे रहे हैं। इन इलाकों में मिले संक्रमितों को लेकर सड़क पर टहल रहे कोरोना की चर्चाएं अब आम से खास तक सभी की जुबान पर हैं। शहर में संक्रमितों के बढऩे का खौफ हर किसी के चेहरे पर साफ दिखाई दे रहा है।

loksabha election banner

जो खांसा वो फंसा

कहावत है, जो हंसा वो फंसा, लेकिन अब चहुंओर यह कहा जा रहा है कि जो खांसा वो फंसा। सामने की कौन कहे फोन पर भी खांसने व छींकने की आवाज आते ही लोग फोन काटने लगे हैं। प्रशासन द्वारा हर घर की जांच कराने के कारण महिलाएं, अपने बुजुर्गों को बाहर नहीं निकलने दे रही हैं। क्या पता कर्मचारी को जानकारी देते समय बुजुर्ग को खांसी/छींक आ जाए और परिवार पर कोरोना जांच का संकट खड़ा हो जाए। बीते सोमवार को दोपहर में एक कर्मचारी ने राजीव नगर में एक परिवार के बुजुर्ग से सर्दी, खांसी, बुखार, मधुमेह के रोगी के बारे में पूछा। तभी बुजुर्ग को खांसी आ गई। मुंह में गमछा ठूंसकर उन्होंने खांसी तो रोक ली, लेकिन घरवालों के कोप से खुद को नहीं बचा सके। उनकी आंख भर आई। बुजुर्ग की दशा देख कर्मचारी पसीज गया और रिपोर्ट न में लगाने की हामी भर दी।

साहब ने थानेदारों को ग्रुप से उड़ाया

जिले के दक्षिणांचल में स्थित नौ थाना क्षेत्रों में अपराध पर प्रभावी रोक नहीं लग पा रही है। क्षेत्र में अपराध और थानेदारों की कार्यप्रणाली पर नजर रखने के लिए दक्षिण वाले साहब ने सितंबर 19 में साउथ जीकेपी नाम से वाट्सएप ग्रुप बनाया था। थानेदारों को निर्देश दिया था कि ग्रुप पर रोजनामचा भेजें। क्या खोया, क्या पाया का भी जिक्र करें। साउथ वाले साहब के निर्देशों को थानेदारों ने रद्दी की टोकरी में डाल दिया और मनमानी करने लगे। अपराध की बात तो दूर गुडवर्क भी बताने से कतराने लगे। इससे दक्षिण वाले साहब इस कदर नाराज हुए कि जून के अंतिम सप्ताह में सभी थानेदारों को साउथ जीकेपी ग्रुप से हटा दिया। इस नाराजगी का शिकार साहब के निर्देशों का अनुपालन करने वाले दो थानेदार भी हो गए। साहब की इस कार्रवाई को लेकर विभाग में चर्चाएं गर्म हैं। मातहत इसका निहितार्थ निकालने में जुट गए हैं।

सरकार मेहरबान, साहब कर रहे परेशान

देश को खाद्यान्न के मामले में आत्मनिर्भर बनाने वाले किसानों पर सरकार मेहरबान है और आय दोगुनी करने के लिए हरसंभव मदद भी कर रही है। सरकार की इस मेहरबानी पर चकबंदी विभाग के कतिपय जिम्मेदार पानी फेर रहे हैं। इससे किसान संकट में हैं। खजनी तहसील क्षेत्र के विभिन्न गांवों में जिम्मेदारों की मनमानी चरम पर है। अभी हाल ही में ग्राम बेला बुजुर्ग के कुछ किसान न्याय के लिए कलेक्ट्रेट पहुंचे और उच्‍चाधिकारियों से गुहार लगाई। कहा कि कई किसानों को एक की जगह तीन चक देकर नियमों की अनदेखी की जा रही है। चार फीसद कटौती की गई, लेकिन पैमाइश कराकर बची भूमि पर कब्जा नहीं दिया जा रहा है। उनका सवाल है कि आखिर कटौती की भूमि कहां गई? व्यथित किसानों ने कहा कि चकबंदी के साहब किसानों के प्रति सरकार की मंशा पर पानी फेर उनकी आय घटा रहे हैं। किसान खुशहाल कैसे रह पाएंगे।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.