बतकही : 'इंस्पेक्टर मातादीन भी मांगते पनाह Gorakhpur News
पढ़ें गोरखपुर से सतीश कुमार पांडेय का साप्ताहिक कॉलम-बतकही...
गोरख्पुर, जेएनएन। हरिशंकर परसाई के लिखे हास्य व्यंग्य 'इंस्पेक्टर मातादीन चांद परÓ के पात्र से सभी परिचित होंगे। लेकिन जिले के उत्तरी क्षेत्र में तैनात एक इंस्पेक्टर तो मातादीन से भी बहुत आगे निकल गए हैं। इनके कारनामे की वजह से कप्तान दो साल के भीतर दो बार इन्हें निलंबित कर चुके हैं। कोटा पूरा करने का दबाव होने की वजह से हर बार चेतावनी देकर प्रभार सौंपते हैं। लेकिन आदत से मजबूर इंस्पेक्टर सुधरने वाले कहां, कोई न कोई कारनामा कर ही देते हैं। थाने में उन्होंने निजी शिकायत प्रकोष्ठ बनाया है, जिसमें इलाके के कई नामदार शामिल हैं। उनका दातून और कुल्ला थाने में ही होता है। इंस्पेक्टर की नजर में जो खटकता है, उसकी शिकायत कराने के बाद वे उसे उठा लाते हैं। कुछ दिन पहले फर्जी आधार कार्ड बनाने के आरोप में एक दुकानदार को उठा लाए। कप्तान को इसकी खबर लगी तो माफी मांगते हुए उसे छोड़ा।
साहब और उनके ज्योतिषाचार्य
जिले में तैनात पुलिस विभाग के एक अधिकारी का ज्योतिष पर अटूट विश्वास है। घर से कब निकलें, कौन सा काम करें, क्या न करें? यह ज्योतिषाचार्य तय करते हैं। जिस दिन घर से निकलने में कुछ अनिष्ट होने का अंदेशा रहता है, उस दिन वह निकलते ही नही हैं। होली के दिन ज्योतिषाचार्य ने घर से निकलने से मना किया था। साहब घर पर आराम करने लगे। एक थाना क्षेत्र में दो समुदाय के बीच विवाद हो गया। वायरलेस सेट से सूचना प्रसारित होने पर अधिकारी एक्शन मोड में आ गए। डीआइजी ने जानकारी लेने के लिए सीधे साहब को फोन किया, तो मालूम हुआ कि वह अभी घर पर ही हैं। सूचना के बाद भी मौके पर न जाने की वजह पूछने पर चुप्पी साध गए। कप्तान को जानकारी हुई तो वह भी नाराज हुए। इसके बाद साहब घर से न निकलने की कसम तोड़ मौके पर पहुंचे।
चालान कटने पर बना दिया 'तालीबानी
यातायात व्यवस्था सुधारने के लिए तरह-तरह की कोशिश करने वाले एसपी ट्रैफिक को एक युवक ने मर्माहत कर दिया। हुआ यूं कि एसपी ट्रैफिक ने बिना हेलमेट के गाड़ी चलाते युवक को पकड़ लिया। हेलमेट न लगाने की वजह पूछने पर वह तरह-तरह की दलीलें देने लगा, लेकिन कायदे-कानून के पक्के साहब ने एक न सुनी और चालान काट दिया। दलील देकर बचने की कोशिश करने वाले युवक ने घर पहुंचकर एसपी ट्रैफिक के खिलाफ अधिकारियों के पास शिकायती पत्र भेजना शुरू कर दिया। एडीजी को भेजे पत्र में उसने लिखा कि एसपी ट्रैफिक की कार्यशैली 'तालीबानी है। वह किसी की बात नहीं सुनते हैं और चालान काट देते हैं। आरोप की जांच शुरू होने पर एसपी ट्रैफिक को इसकी जानकारी हुई। उन्होंने युवक के शिकायती पत्र को अपने फेसबुक वाल पर पोस्ट कर दिया और दोस्तों से अपनी कार्यशैली के बारे में पूछते हुए प्रतिक्रिया देने को कहा है।
साहब पहुंच गए, नहीं आए थानेदार
पड़ोसी जनपद की सीमा पर दस दिन पहले अंतरजनपदीय पशु तस्करों से पुलिस की मुठभेड़ हुई। तस्करों के गोरखपुर की तरफ भागने की सूचना पर जिले की पुलिस भी सक्रिय हुई। नाकाबंदी कर तलाश शुरू कर दी गई, तो तस्करों ने गांव का रास्ता पकड़ लिया। संदेह होने पर ग्रामीणों ने घेराबंदी कर तस्करों को पकड़ लिया। सूचना मिलने पर पहुंची पुलिस आरोपितों को गाड़ी समेत थाने उठा लाई। वाहवाही लूटने के लिए थानेदार ने अधिकारियों को बता दिया कि घेराबंदी कर तस्करों को पकड़ लिया हूं। खबर मिलने पर अफसर खुश हुए और अगले दिन प्रेसवार्ता रख दी। तय समय पर दक्षिणी इलाके के अधिकारी प्रेसवार्ता करने पुलिस लाइन पहुंच गए। फोन करने पर थानेदार ने रास्ते में होने की जानकारी दी। एक घंटे बाद साहब ने फोन किया तो पता चला कि थानेदार अभी थाने में ही हैं। इस पर साहब नाराज हुए और प्रेसवार्ता स्थगित कर दी।